रायगढ़। जिले के पूर्वी अंचल में चारों दिशाओं में माता रानी के दरबार सज गए है। रविवार को भव्य कलश यात्रा के साथ सभी दैवी मंदिरों में माता रानी की आज घट स्थापना कर माता शैल पुत्री की पूजा अर्चना भक्तों ने किया। यूं तो रायगढ़ का यह अंचल किसी धाम से कम नहीं है।
पूर्वांचल के मुख्य द्वार पर पहाड़ी वाले बजरंगबली का दरबार सजा जो सब ओर निहार रहे हैं। इसकी भव्यता आने वाले दिनों में देखने को मिलेगी। इसके बाद माता लक्ष्मी जी की भव्य मंदिर पंडरी पानी में दर्शन करने के बाद मनकामेश्वर धाम पंडरीपानी में शिव जी विराजमान हैं। थोड़े से आगे चंडी डोंगरी में माता रामचंडी जी की भव्य मंदिर निर्माण के लिए इस नवरात्रि में नींव रखी जा रही है। यहां पर मातारानी का भव्य दरबार लग गया है। यह दूसरा वर्ष है शारदेय नवरात्रि का। ग्राम जुड्डा, कोतरलिया, चिटकाकानी, पंडरीपानी, कोलिहाडीपा, भिखारीमाल के भक्त जनों के अलावा पूर्वांचल के लोगों की आस्था मां रामचंडी पर है। लोगों की भीड़ धीरे धीरे बढ़ती जा रही है।
माता मानकेश्वरी का दरबार जामगांव
पूर्वांचल के पूर्वी छोर यानि जामगांव रेलवे स्टेशन के पास माता मानकेश्वरी जी की भव्य मंदिर स्थापित है । यहां सभी दिन भक्त दर्शन करने आते हैं। यह भी ओडिसा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर सजा है माता रानी का भव्य दरबार। इस मंदिर में में भी नवरात्रि के ज्योत जगमगा रहे हैं। इस मंदिर में ओडिसा के अनेक गांव हैं जो इस मंदिर के आसपास है वहीं छत्तीसगढ़ से जामगांव, कोयलंगा, मनुआपाली बेहरापाली भुइयापाली आदि गांव के साथ साथ जिले भर से भक्त जन इस मंदिर में मत्था टेकने आते हैं।
माता सांपखंडिन देवी का मंदिर
पुर्वांचल के दक्षिण में महापल्ली शकरबोगा से कनकतूरा सडक़ मार्ग सांपखर जंगल में माता सांपखंडिन देवी के प्रति लोगों की आस्था दिनोदिन बढ़ती जा रही है। यह छत्तीसगढ़ और ओडिसा के सीमा पर है जहां दोनों राज्य के भक्तों की एक समिति द्वारा माता जी की मंदिर निर्माण किया गया है। यहां पर पूरे नौ दिन नवरात्रि ज्योति कलश जगमगा रही है। पिछले कई सालों से यहां पर नवरात्र में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। रावण दहन और कई भक्ति भजन कीर्तन करते हुए लोग माता सांपखंडिन देवी की आराधना करते हैं।
धनुबांस जंगल में माता बंजारी
पूर्वांचल के उत्तर दिशा में धनुबांस जंगल में माता बंजारी की भव्य मंदिर सजी हुई है जहां नव रात्रि में विशेष उपासना एवं भजन कीर्तन किया जाता है। यह भी ओडिसा और छत्तीसगढ़ दोनो राज्य के भक्तों के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जाता है। नवरात्रि में यहां भक्तों की अपार भीड़ देखी जा सकती है।
मां भद्रकाली का दरबार महापल्ली
सुसंस्कृत ग्राम महापल्ली में मां भद्रकाली का दरबार पिछले कई सालों से महापल्ली के बीच बस्ती में सजी हुई है। यहां भी मातारानी के लिए नव रात्रि पूजन उपासना की जाती है। रविवार को कलश यात्रा के साथ आज नवरात्रि के प्रथम दिवस पर माता रानी के विधिवत पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है। इस दरबार में भी मत्था टेकने दूर दूर से भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी कर जाते हैं।
महापल्ली का ऐतिहासिक दशहरा महोत्सव’
रायगढ़ पूर्वी अंचल के महती ग्राम महापल्ली में सन 1982 से लगातार दशहरा महोत्सव मनाया जाता है। यह 44 वीं वर्ष है जिसकी तैयारी शुरू हो गई है।मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है। रात्रि कालीन अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां के रावण दहन कार्यक्रम में दस हजार से अधिक भीड़ देखने आती है।
पूर्वांचल के चहुंओर सजा मातारानी के दरबार



