धरमजयगढ़। एक बुजुर्ग दंपत्ति बस्ती से दूर खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहे थे, इस दौरान बीती रात एक हाथियों का दल वहां पहुंच गया, जिसकी आहट सुनकर दोनों भागने लगे थे, इस दौरान एक हाथी ने महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, वहीं उसका पति नदी के ीच एक बड़े से पत्थर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई है। घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल के रैरुमा निवासी जगतराम मांझी (68 वर्ष) और उसकी पत्नी फूलमेल बाई मांझी (65 वर्ष) बस्ती से कुछ दूरी पर अपने खेत के पास झोपड़ी बनाकर रखहते थे, इस दौरान गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात अचानक वहां 12 हाथियों का दल पहुंच गया, जिसकी आहट सुनकर जगतराम का कुत्ता भौकने लगा, इसकी आवाज सुनकर पति-पत्नी बाहर निकलकर देखे तो झोपड़ी के करीब हाथियों का दल पहुंच गया था, इससे दोनों अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे, इस दौरान एक हाथी ने दौड़ाकर फूलमेत बाई को पकड़ लिया और उसे कुचलकर मार डाला, वहीं उसका पति भागकर पास के मांड नदी तक पहुंचा और एक पत्थर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई, इस दौरान उक्त वृद्ध दूर से हाथियो के मुमेंट को देख रहा था, जो हाथियों ने उसकी पत्नी को मारने के बाद झोपड़ी को भी तोड़ दिया, ऐसे में कुछ देर बाद उक्त वृद्ध बस्ती पहुंच कर ग्रामीणों को बताया, जिससे ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना वन अमला को दिया, ऐसे में शुक्रवार को सुबह वन विभाग की टीम ने पंचनामा दर्ज कर शव को अस्पताल भेजा, जहां पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया है। वर्तमान में बाकारूमा रेंज में 41 हाथियों का तीन दल भ्रमण कर रहा है, जिसमें एक दल में 12 हाथी, दूसरा दल में 28 हाथी तथा एक हाथी अकेला भ्रमण कर रहा है। ऐसे में बीती रात शावक सहित 12 हाथियों का दल रैरूमा पहुंचा था, जो वृद्ध महिला को कुचलकर मार डाला है।
34 किसानों के फसल को पहुंचाया नुकसान
धरमजयगढ़ वन मंडल में लगातार हाथियों का आना-जाना लगा है, इससे अलग-अलग झूंड में भ्रमण करते हुए फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि बीती रात धरमजयगढ़ वनमंडल के गमेकेला, पाकरगांव और झारआमा में 15 किसानों के फसल को नुकसान पहुंचाया है। वहीं ग्राम ससकोबा में चार, रैरुमा में तीन, हाटी में चार, छाल में तीन, बनहर में एक और ग्राम घोचल में पांच किसानों को नुकसान किया है। जिसको लेकर अब ग्रामीणों में चिंता का विषय बन गया है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के आतंक से अब फसल की सुरक्षा भी नहीं कर पा रहे हैं। इससे पूरी मेहनत पर पानी फिर रहा है, साथ ही इसका कुछ खासा मुआवजा भी नहीं मिल रहा है, इससे जानमाल के साथ फसल का नुकसान भी झेलना पड़ता है।
धरमजयगढ़ वनमंडल में 165 हाथी मौजूद
उल्लेखनीय है कि इन दिनों धरमजयगढ़ वन मंडल में 165 हाथी अलग-अलग झूंड में विचरण कर रहे हैं, जिसमें नर-41, मादा- 75 और शावक 49 है, जो दिनभर जंगल में रहते हैं और रात होते ही चारा-पानी की तलाश में बस्ती की ओर पहुंच रहे हैं, जिससे फसल को तो चौपट कर रही रहे हैं, साथ ही इनके संपर्क में आने वाले ग्रामीणों को भी मौत के घाट उतार रहे हैं, ऐसे में अब वन विभाग की टीम इन हाथियों पर नजर बनाई हुई है, गांव के कोटवार और सरपंच के माध्मय से लगातार मुनादी कराई जा रही है, ताकि जंगल की ओर कोई न जाए, साथ ही रात में हाथी आते ही उससे दूरी बनाते हुए इसकी सूचना वन विभाग को दे।
खेत में बने झोपड़ी में सो रहे वृद्ध दंपत्ति पर हाथी ने किया हमला
वृद्धा को हाथी ने कुचला, पति पत्थर के पीछे छुपकर बचाई जान
