ओपी के व्यक्तित्व में अच्छाई वाणी में सच्चाई और इरादों में गहराई : भोलिया समाज
चाय वाले को महापौर बनाकर ओपी ने लाया बदलाव : जीवर्धन चौहान
कोशली ब्रांड के नाम से उत्पादों को पहचान दिलाने जगन्नाथ ने ओपी के समक्ष रखी मांग
भोलिया समाज के सम्मलेन में भावुक हुए ओपी चौधरी कहा सीधा साधा सरल समाज
जनता को लुभाने का प्रयास करने की बजाय बदलाव के लिए जुटा रहना पसंद : ओपी चौधरी
रायगढ़। ओपी चौधरी के व्यक्तित्व में अच्छाई है वाणी में सच्चाई है और इरादों में गहराई है उक्त बाते आज भोलिया समाज के पदाधिकारियों ने आडिटोरियम में नुआ खाई सम्मान समारोह के दौरान समाज के लोगों के मध्य कही। तालियों की गडग़ड़ाहट के मध्य युवाओं महिलाओं युवतियों ने अपने लाडले विधायक ओपी चौधरी का भावभीना स्वागत किया गया। ओपी चौधरी ने अपने उद्बोधन में समाज के लोगों को भोला बताते हुए मेहनतकश एवं संस्कृति से जुड़ा कलाकार बताया। आडिटोरियम में आयोजित आज समाजिक सम्मलेन के मध्य कार्यक्रम की शुरुआत पूजा अर्चना मां पटनेश्वरी गुरु गंगा धर की पूजा अर्चना से की गई तत्पश्चात समाज से जुड़े पदाधिकारियों ने मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया। महापौर जीवर्धन ने ओडिय़ा भाषा में संबोधित करते हुए कहा समाज को आगे बढ़ाने के लिए आप सभी की एकजुटता सराहनीय है। समाजिक एकता को आवश्यक बताते हुए कहा समाज का मंच अंतिम पंक्ति में खड़े कमजोर लोगों को खड़े होने का साहस प्रदान करता है।शिक्षा को सबसे अधिक जरूरी बताते हुए कहा ओपी चौधरी जी का लक्ष्य है कि हर समाज से जुड़े आखिरी व्यक्ति को आगे बढ़ाना और उसे मुख्यधारा से जोडऩा ताकि वह मुख्यधारा से जुड़ सके। मेहनत की रोशनी से किस्मत के अंधेरे को मिटाने का जिक्र करते हुए महापौर जीवर्धन ने कहा ओपी चौधरी जी की वजह से जीवन भर चाय बेचने वाला व्यक्ति महापौर बन गया मैने गरीबी को जिया है गरीबी के दुख को समझता हूं। जैसे चौधरी जी ने सरकारी सेवा को छोडक़र जनता की सेवा के लिए राजनीति का चयन किया है मै उनके हर कदम में साथ हूं। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता जगन्नाथ पाणिग्रही ने मां समलाई चंद्रहासिनी भारत माता उत्कल जननी का जयकारा लगाते हुए उडिय़ा में भाषा में भावभीना संबोधन दिया। मंचस्थ अतिथियो सहित समाज से जुड़े पदाधिकारियोंके नाम का जिक्र कर नुआखाई जौहार कर बधाई दी।
नुआखाई त्यौहार के इतिहास का जिक्र करते हुए ओडिसा छत्तीसगढ़ कौशल राज्य बताया और माता कौशल्या इसी कौशल धरा की बताते हुए कहा बचपन में राम लक्ष्मण कब अपने नाना घर आए तब खेलने के दौरान उन्होंने राजा के घर धान का रहे किसानों से कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वे पूजा अर्चना हेतु पुराने धान के बदले नया धान आने पर डेढ़ गुना धान राजा को वापस करते है चूंकि नया धान दशहरा के बाद आता है और नुआ खाई त्यौहार पहले आता है इस त्यौहार में धान की जरूरत होती है जिसे राजा घर से उधार स्वरूप लेते है नई फसल आने पर इसे डेढ़ गुना लौटते है। बाल्यकाल में राम ने इसे शोषण माना और अपने नाना राजा से अनुरोध किया कि वे इस बाध्यता को हटाए इस दिन ही कौशल नरेश भानुमती ने कहा राज्य में जो भी नया धान आयेगा तो नवा खाई कर सकता है।कौशल राज्य में 15 साल पूर्व बैठक कर अलग अलग मानने की बजाय गणेश के बाद पंचमी के दिन रखा नुआ खाई त्यौहार रखे जाने का निर्णय लिया गया। त्रेता युग के समय से कौशल राज्य के भोलिया समाज के लोग नुआ खाई त्यौहार के रूप में मनाते है। भाजपा नेता जगन्नाथ ने ओपी चौधरी के समक्ष भोलिया समाज की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा असंवैधानिक कार्यों से दूर रहने वाला यह समाज मेहनतश कश ईमानदार एवं अपने काम में जुटे रहने वाला समाज है। भगवान विष्णु को पालन हार माना जाता है वैसे ही यह समाज कपड़ा बुनकर लोगों के सम्मान की रक्षा करता है। समाज से जुड़े विद्वान कवि गंगाधर का जिक्र करते हुए कहा लोग इस कवि की महानता के बारे में कम जानते है। बरपाली में 1862 में जन्मे कवि गंगा धर की मृत्यु 1924 में हुई। उनके द्वारा रचित तपस्विनी रचना को ना भूतों ना भविष्यति बताते हुए कहा इसे दिव्य ज्ञान वाला समझ सकता है। इस रचना में माता सीता का परित्याग का सुंदर चित्रण किया है लक्ष्मण मूर्छा के बाद लव कुश के अश्व मेघ यज्ञ का वर्णन किया गया है। राम के अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा बंदी बना लेने के बाद माता सीता के विलाप का जीवंत भाव विभोर करने वाला चित्रण है। राष्ट्रीय ध्वज का चरखा का चिन्ह भी भोलिया समाज की देन है यह हमारी राष्ट्रीयता की पहचान है। भोलिया समाज के लोगों द्वारा बनाई जाने वाली संबलपुरी साडिय़ों को पहचान दिलाने हेतु कोशली नामक सेंटर बनाए जाने की मांग ओपी के समक्ष रखी ताकि समाज के लोगों का यह ब्रांड वैश्विक रूप से स्थापित हो सके और समाज आर्थिक दृष्टि से मजबूत को सैकड़ों लोगों इस रोजगार को कर आत्मनिर्भर है।समाज के लिए भवन की मांग भी रखी। मुख्य अतिथि की आसंदी से विधायक ओपी ने भारत माता छत्तीशगढ़ महतारी पाटनेश्वरी मां का जयकारा लगाते हुए कवि गंगा धर अमर रहे का नारा लगाया। इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा समाज से जुड़े सभी पदाधिकारी के नाम का जिक्र करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की। समाज की नींव की भूमिका निभाने वाले सभी बुजुर्गों को प्रणाम करते हुए ओपी ने कहा बुजुर्गों की प्रेरणा से युवाओं को सेवा की भावना विरासत में मिली है।उनसे प्रेरणा से युवा काम कर रहे है आयोजन में मौजूद बहने माताओ को नमन करते हुए ओपी ने कहा आप सभी को नोआ खाई का जोहार है। भाजपा से जुड़े सभी मंचस्थ लोगों का जिक्र भी किया। इस त्यौहार की छुट्टी नहीं होती थी लेकिन जन भावना का आदर करते हुए कलेक्टर को निर्देशित कर नुआ खाई के लिए छुट्टी घोषित करवाई गई। भोले भाले लोगों की वजह से समाज का नाम भोलिया रखा गया है। इस समाज के लोगों को प्रतिभा का धनी बताया। जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकता रोटी कपड़ा और मकान में कपड़े की आवश्यकता पूरी करने वाला यह समाज वाकई में महान है।बुनकर साथी जिस समर्पण भाव के साथ काम करते है उसके मुझे ईश्वर की नवधा भक्ति नजर आती है।जिस तल्लीनता के साथ वे कपड़ों मां मिट्टी मानुष की तस्वीर उकेरने का प्रयास करते है इससे बड़ी संस्कृति के संरक्षण की मिशाल कोई दुजी नहीं हो सकती। भोलिया समाज के लोगों के परिश्रम को ओपी ने नमन करते हुए कहा रायगढ़ में बहुत से विकास के काम चल रहे वे राजनीति में केवल मीठी बात करने नहीं आए है और नहीं आम जनता की बनी चाय भजिया मिठाई खाने आए है। मिठाई भी आपकी ओर वोट भी आपका यह छल है राजनीति में जनता की भलाई की विकास की बात होनी चाहिए। राजनीति में आने का उद्देश्य बताते हुए ओपी ने कहा वे बदलाव के जरिए नया मिथक स्थापित करने आए है।बहुत से सलाहकार बोलते है कि विकास से चुनाव नहीं जीता जा सकता लेकिन मुझे विश्वास है कि रायगढ़ की जनता इस मिथक को तोडऩे में मेरा साथ देगी। खरसिया चुनाव का जिक्र करते हुए कहा हारने के बावजूद भाजपा को 22000 वोट अधिक मिले। राजनीति में भाव अच्छा होना चाहिए यही वजह है कि रायगढ़ की जनता ने 65 हजार ऐतिहासिक वोटो से विजयी बनाया। सफलता का पैमाना चुनाव जीतने से तय नहीं बल्कि आम जनता के जीवन में आया बदलाव ही सफलता तय होगी। केवल बोलने से काम नहीं होता बल्कि काम करने के लिए ऊर्जा होनी चाहिए। रायगढ़ के चल रहे विकास कार्यों की सूची बहुत लंबी है। कलेक्टर रहते हुए नालंदा परिसर के निर्माण के संबध में कहा बचपन में भिलाई में पढऩे के लिए पुस्तके नहि मिल पाई इसलिए कलेक्टर बनते ही सबसे पहले नालंदा परिसर लाइब्रेरी बनाने का काम किया यहां से सैकड़ों बच्चे पढक़र सफल हो रहे है यही मेरी उपलब्धि है।अपनी सक्रियता के संबंध में कहा कभी कभी काम की व्यस्तता में यह भी भूल जाता हूं कि मैं कहां पर हूं।कलेक्टर रहते हुए नालंदा परिसर बनाया राजनीति में आते ही पहले बजट में 22 नालंदा परिषद स्वीकृत किए उनकी संख्या 34 हो गई।उनकी लागत 12 करोड़ 8 करोड़ 4 करोड़ रुपए की है रायगढ़वासियों के लिए 40 करोड़ का नालंदा परिसर उद्योगों के मद से खर्च कराए जा रहे है। पहले इस मद के पैसे में घोटाले होते थे आज ईमानदारी से खर्च किए जा रहे है यही हमारी ओर उनकी सोच में बुनियादी फर्क है नीयत साफ हो तो सफलता निश्चित मिलती है। महापौर जीवर्धन का जिक्र करते हुए कहा चाय बेचने वाले को टिकट दिया है तो लोगों ने कहा वो चाय बेचता है चाय बेचना बड़ी बात नहीं लेकिन राजनीति करते हुए 28 सालों तक चाय बेचना बड़ी बात है राजनीति में ईमानदारी की ऐसी मिशाल आज तक नहीं देखी गई। 15 साल सरकार रहते राजनीति करते हुए चाय बेचना ईमानदारी की मिशाल है। टिकट की बात आई तो कहा चुनाव कैसे लड़ेंगे मैने कहा योग्य है ईमानदार है लेकिन सिर्फ इसलिए वंचित नहीं कर सकते कि उसके पास पैसे नहीं है।जीवर्धन उदाहरण है कि पैसे के अभाव से राजनीति करने से नहीं रोका जा सकता। इस आयोजन में आने के पहले वे दिल्ली जाने के लिए रायगढ़ से रायपुर रवाना हो चुके थे लेकिन अचानक दिल्ली का आयोजन कैंसिल हो गया लेकिन मुझे लगता है कि मां पाटनेश्वरी ने मुझे भोलिया समाज आयोजन में शामिल होने भेजा है। समाज की एकता मजबूती के लिए शुभकामना देते हुए कहा ओबीसी सूची में नाम शामिल किए जाने हेतु प्रयासो की बात कही। कोसली साड़ी को ब्रांड बनाए जाने हेतु सचिव स्तर पर चर्चा की बात कही।
भोलिया समाज का समृद्ध इतिहास
14वीं शताब्दी में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से आकर तत्कालीन चौहान राजा रामाईदेव के शासन काल में छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में बसा एक बुनकर समाज है- भोलिया। इनकी अधिष्ठात्री देवी मां समलेश्वरी और मां पाटनेश्वरी हैं। इनका मुख्य कार्य है- सूती वस्त्र की हथकरघा से बुनाई, बांध और ग्राफिक डिजाइन।कई क्षेत्रों में ये कृषि कार्य भी प्रमुखता से करते हैं।इनके बनाए गए वस्त्र संबलपुरी कपड़े के नाम से देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं।इनकी अपनी एक भाषा है जिसे ‘कोसली’ कहते हैं।भोलिया जाति को उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्राप्त है। छत्तीसगढ़ में उनकी जनसंख्या लगभग 10 से 15000 है। इसी जाति समुदाय में एक विशिष्ट व्यक्ति थे स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर। वे 19वीं शताब्दी के एक नाम चिन कवि थे।उनका जन्म 9 अगस्त 1862 को बरपाली जिला बरगढ़ उड़ीसा में हुआ था।उनके पिता श्री चैतन्य मेहेर और मां सेवती देवी थीं। एक अति साधारण परिवार से होते हुए भी वह साहित्य में आकंठ डूबे हुए थे।वह प्रकृति के अनन्य प्रेमी थे।उनकी प्रमुख कृतियां रस रत्नाकर, इंदुमती,अयोध्या दृश्य, पद्मिनी आदि हैं। वह एक उदारवादी और प्रगतिवादी व्यक्ति थे।उन्होंने अपने जीवन के उत्तरार्ध में भोलिया जाति के उत्थान हेतु सन 1924 में भोलिया महासभा का आयोजन किया जिसमें उड़ीसा और छत्तीसगढ़ क्षेत्र के लगभग 3000 भोलिया जनता ने भाग लिया था। वह अपने जातीय बंधुओं के जीवन व सामाजिक स्तर को सुधारने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे। 4 अप्रैल 1924 को उनका देहावसान हुआ। 1944 में स्थापित संबलपुर महाविद्यालय का नाम उनके सम्मान में 1949 में गंगाधर मेहेर महाविद्यालय दिया गया जो कि अब गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय बन चुका है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष उत्तम कविता के लिए गंगाधर मेहेर राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया जाता है।
ओपी ने दी विकास कार्यों की जानकारी
सरकार के 20 माह के कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा सरकार बनते ही 13 लाख किसानों को 2 साल का बकाया 3716 करोड़ बोनस वितरित किया।भूमिहीनों को दस हजार हुए दिए गए।किसानों की फसल धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल में खरीद कर एक मुश्त भुगतान किया गया।18 लाख गरीबों को आवास दिया गया। 70 लाख महतारियों को महतारी वंदन के तहत प्रति माह एक हजार की राशि दी जा रही है
भवन हेतु ओपी ने की 20 लाख की घोषणा
समाज भवन हेतु स्थल चयन करने का आह्वान करते हुए कहा पुसौर या सरिया जहां भी तय होगा उसके लिए 20 लाख की स्वीकृत किए जाएंगे। इस तरह के आयोजन हेतु सदैव समर्पित रहने की बात कही। आयोजन को सफल बनाने नवयुवक भोलिया समाज छत्तीसगढ के पदाधिकारीयों की भूमिका आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष अरूण मेहर (गुडू) रायगढ़, सचिव अरूण मेहर पंचधार नरेन्द्र मेहर (कोसमपाली) रायगढ़,कोषाध्यक्ष निमाई मेहर (पुसौर) रायगढ़, सहसचिव प्रमोद कुमार मेहर (लैलुंगा) रायगढ़ प्रवक्ता ताराचंद मेहर (सरिया) सारंगढ़-बिलाईगढ़ उपाध्यक्ष रूद्र मेहर (गोपालपुर) रायगढ़,संयोजक कार्तिकेश्वर मेहर (सरिया) सारंगढ़-बिलाईगढ़ सलाहकार,जीवर्धन मेहर (लैलुंगा) रायगढ़,मंगल प्रसाद मेहर (पडिग़ांव) रायगढ़,सीताराम मेहर (पंचधार) सारंगढ़-बिलाईगढ,परमानंद मेहर (गढ़उमरिया) रायगढ़,संजय मेहर (कोतबा) जशपुर,एकादशिया मेहर (हमीरपुर) रायगढ़,अनिरूद्ध मेहर (पुसौर) रायगढ़ उडि़सा से आए अतिथि निखिल उडि़सा मेहेर भोलिया समाज के सभापति,कार्यकारी सभापति वैशम्पायन मेहेर सचिव, सुरेन्द्र मोहन मेहेर,आयोजन सचिव सुभाष मेहेर,युवा मंच के सभापति प्रफुल्ल कुमार मेहेर,शक्तिप्रसाद मेहेर,बरगढ़ केन्द्र बोर्ड के सभापति एवं केन्द्र व राज्य से बुनाई कार्य में पुरूस्कृत श्री रामकृष्ण मेहेर, राज्य समिति के सदस्य रूषव मेहेर की सक्रिय भूमिका रही।
युवाओं के अध्ययन हेतु 150 कैरियर की पुस्तके भेजी
पालकों से आह्वान करते हुए ओपी ने बच्चों को पढ़ाने हेतु जोर देते हुए कहा उन्होंने कैरियर गाइड की पुस्तके भेजी है जिसमें 10 एवं 12 के बाद सौ से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की जानकारी दी गई है।