रायगढ़। महाराष्ट्र पावर जेनरेशन महाजेंको द्वारा कोयला खनन करने के लिए ग्रामीणों द्वारा आदिवासी बाहुल्य में प्राप्त अधिकार पैसा कानून के तहत ग्राम सभा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से साफ मना कर दिया इसके बाद कम्पनी द्वारा षड्यंत्र कर 08 अक्टूबर 2022 की तारीख का एक फर्जी ग्राम सभा फर्जी जयशंकर राठिया की अध्यक्षता में तैयार कराया गया, और इसी फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज के बल पर जल जंगल जमीन पर कब्जा करने की कोशिश भी की गई। इसके पूरे फर्जी होने का दावा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त किए गए सत्यप्रति कॉपी से प्रमाणित होती है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी जो तमनार क्षेत्र में खान खनन और इससे प्रभावितों के सम्मान पूर्वक आजीविका और उनके साथ हो रहे शोषण की आवाज को लगातार बुलंद करते चले आ रहे हैं। महाजेंको द्वारा जमा कराए गए फर्जी दस्तावेज सूचना का अधिकार के तहत निकालने बाद बताया कि बताया कि ग्राम सभा की विधिवत कार्रवाई होती जिला प्रशासन की तरफ से एक नोडल अधिकारी की मौजूदगी में होती है जिसमे ग्राम सभा की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष सहित नोडल अधिकारी और सभी मतदाताओं के हस्ताक्षर होते हैं। इसके अलावा प्रमाण स्वरूप फोटो और वीडियो ग्राफी होती है। ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद पूरी दस्तावेज की एक कॉपी अनुविभागीय दंडाधिकारी कार्यालय में ग्राम पंचायत कार्यालय सहित जिला प्रशासन को सौंपी जाती है।
राजेश त्रिपाठी का कहना है कि जिस 08 सितंबर 2022 को जिस जयशंकर राठिया की अध्यक्षता में ग्राम सभा पारित होना बताया गया है पूरे प्रभावित गांव में इस नाम का कोई व्यक्ति निवासरत ही नहीं है और न ही उक्त ग्राम सभा की करवाई में अध्यक्ष का हस्ताक्षर नहीं है और न ही नोडल अधिकारी के हस्ताक्षर हैं और न ही मतदाताओं के हस्ताक्षर है और न ही उनके पास इसकी कोई प्रमाणिक दस्तावेज के रूप में कोई वीडियो ग्राफी फोटो मौजूद हैं। पहली नजर में ही पूरा प्रकरण फर्जी है। प्रभावित क्षेत्र ग्रामीणों द्वारा पहले ही तमनार थाने में, अनुविभागीय दंडाधिकारी और जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन को फर्जी ग्राम सभा के मामले में कार्रवाई के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन अब तक इस फर्जी दस्तावेज के मामले में महाजेंको के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने जो महाजेंको के खिलाफ फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज के सहारे निगमों के विरुद्ध काम कर रही है। शासन और प्रशासन को अब इस पर संज्ञान लेना ही चाहिए।
महाजेंको का दस्तावेज फर्जी ग्रामीणों का दावा निकला सच- राजेश त्रिपाठी
आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेजों से हुआ खुलासा, महाजेंको के खिलाफ ग्रामीण पहले भी कर चुके हैं कार्रवाई की मांग
