रायपुर। छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग ने टूरिस्ट परमिट का गलत इस्तेमाल करने वाले 50 से ज्यादा पैसेंजर बसों के खिलाफ कार्रवाई की है। विभाग ने इन बसों के मालिकों से करीब 30 हजार रुपए जुर्माना वसूला है। दरअसल, प्रदेशभर के सभी जिलों में पैसेंजर बसों की चेकिंग के लिए अभियान की शुरुआत की गई है।
अभियान के तहत रायपुर के रिंग रोड सुंदरनगर इलाके में भी बसों को रोककर परमिट और दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान पता चला कि टूरिस्ट परमिट लेकर कुछ बस ऑपरेटर इंटर स्टेट रूट पर बसें चला रहे थे। बस ऑपरेटर टूरिस्ट परमिट लेकर यात्रियों का परिवहन कर टैक्स की चोरी कर रहे थे। परिवहन विभाग ने ऐसे बस ऑपरेटरों के परमिट और जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। टूरिस्ट परमिट किसी विशेष प्रायोजन के लिए जारी किया जाता है। यात्रियों की सूची, टाइमिंग और परिचालन मार्गों का ब्योरा देने पर इसे जारी किया जाता है। इस परमिट का सिर्फ एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, बस मालिक टैक्स चोरी करने इस परमिट का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। इसकी शिकायत मिलने पर अभियान शुरू किया गया है। टैक्स चोरी करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी और कूटरचना कर अपनी मर्जी से बसों के कई फेरे लगवाए जा रहे थे। टूरिस्ट परमिट पर ही प्रदेश के कई जिलों में संचालन भी किया जा रहा था। अंतरराज्यीय मार्गों पर बसों की संख्या में इजाफा होने के बाद भी टैक्स कम मिलने की जानकारी मिलने पर सभी जिलों के उडऩदस्ता की टीम को जांच करने निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही विभाग ने सभी जिलों से टूरिस्ट परमिट की संख्या और चल रही बसों का ब्योरा मांगा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से दूसरे राज्यों के बीच इंटर स्टेट समझौते के तहत 300 बसों का संचालन किया जा रहा है। इन्हीं बसों को परमिट जारी किया जाता है। लेकिन जांच में सामने आया है कि 300 से कई अधिक बसों का संचालन टूरिस्ट परमिट पर किया जा रहा है।
टूरिस्ट बसों के परमिट लेकर चला रहे थे इंटर स्टेट
बसों की तुलना में टैक्स कम मिला तो आरटीओ को लगी भनक, 50 बसों पर कार्रवाई
