धरमजयगढ़। समरेश मंडल और हरण मंडल अपने परिवार सहित तहसील कार्यालय के सामने न्याय की आस में धरने पर बैठे हैं। पीडि़तों का आरोप है कि उनकी लगभग 70 डिसमिल निजी जमीन (खसरा नंबर 402/1) पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। शुक्रवार को पीडि़त परिवार देर रात तक धरने पर बैठे रहे।
पीडि़त परिवार सुबह से ही तहसील कार्यालय परिसर में शांतिपूर्वक धरने पर बैठा है। उनके हाथों में ‘हमें न्याय चाहिये’ जैसी तख्तियाँ हैं।
सीमांकन में हुआ अतिक्रमण स्पष्ट, फिर भी नहीं मिला स्थगन आदेश ?
पीडि़त समरेश मंडल व हरण मंडल ने बताया कि जब उन्होंने अपनी जमीन पर अतिक्रमण होते देखा, तो 30 मई को धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय में सीमांकन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। सीमांकन के उपरांत यह स्पष्ट हुआ कि निर्माण कार्य उनकी निजी भूमि पर ही हो रहा है।इसके बाद उन्होंने तहसीलदार से निर्माण कार्य रोकने हेतु स्थगन आदेश (स्ह्लड्ड4 ह्रह्म्स्रद्गह्म्) जारी करने की मांग की, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई आदेश पारित नहीं किया गया। पीडि़तों का कहना है कि यदि सीमांकन में अतिक्रमण प्रमाणित हो चुका है, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
मानसिक रूप से टूट चुका है परिवार
धरने पर बैठा परिवार मानसिक, और आर्थिक रूप से बेहद परेशान है। उन्होंने मीडिया के समक्ष भावुक होकर कहा कि ‘जब अपनी जमीन पर भी कब्जा रोकने के लिए बार-बार दरवाज़े खटखटाने पड़ें और फिर भी कोई सुनवाई न हो, तो जीने की उम्मीद भी खत्म होने लगती है।’
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
समरेश मंडल और हरण मंडल ने जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और जनप्रतिनिधियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की मांग की है।
तहसील कार्यालय के सामने बच्चों सहित धरने पर बैठा परिवार
निजी भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप, समझाइश बेअसर
