धरमजयगढ़। देश की बहुप्रतीक्षित भारतमाला परियोजना, जो आदिवासी अंचलों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोडऩे का सपना संजोए आगे बढ़ रही है, अब छत्तीसगढ़ के धरमजयगढ़ अंचल में संदेह और षड्यंत्र की बिसात पर फिसलती नजर आ रही है। उरगा से पत्थलगांव तक प्रस्तावित इस परियोजना के तहत धरमजयगढ़ तहसील के 14 ग्राम प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें मेंढरमार और बायसी कॉलोनी मुख्य केंद्र बनते जा रहे हैं पर विकास की नहीं, घोटालों की कहानी के।
विशेष बात यह है कि मेंढरमार व बायसी के समीप जिस भूभाग पर आरंभिक एलाइनमेंट तय था, उसे कर्नाटक पावर कंपनी के कोल ब्लॉक के कारण बदलना पड़ा। परंतु इस एलाइनमेंट बदलाव की आड़ में नया कुचक्र आकार ले चुका है रातों-रात खड़े होते जा रहे हैं संदिग्ध शेड, जिनका कोई दस्तावेजी आधार नहीं। सूत्रों की मानें तो हाल ही में सर्वेक्षण कंपनी द्वारा बिना प्रशासनिक अनुमति के लाल झंडे लगाकर नई एलाइनमेंट की फील्ड मार्किंग कर दी गई। यह सूचना क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई, और मानो पहले से ही तैयार बैठे कुछ लोगों ने तुरंत शेड निर्माण शुरू कर दिया ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वर्षों से वे इसी क्षण की प्रतीक्षा में थे।इन जल्दबाज निर्माणों के पीछे की मंशा अब जगजाहिर हो चुकी है। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण मुआवजा निर्धारण में निर्मित ढांचों की उपस्थिति मुआवजा राशि को बढ़ा देती है। यहीं से अवैध लाभ अर्जन की साजिश शुरू होती है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, यह सारा खेल कुछ स्थानीय दलालों के इशारे पर रचा गया है। कथित रूप से इन दलालों ने शेड निर्माण करने वालों से मोटी रकम की वसूली की है, यह कहते हुए कि राशि ऊपर तक जाएगी, जिससे जांच न हो और मुआवजा निर्बाध मिले।
गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व अभनपुर में भारतमाला मुआवजा घोटाले ने प्रशासन को झकझोर दिया था, और तत्कालीन बिलासपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने पूरे संभाग में जांच के संकेत दिए थे। रायगढ़ प्रवास के दौरान भी उन्होंने इस विषय को गंभीरता से उठाया था, लेकिन धरातल पर न कोई जांच समिति बनी, न किसी टीम ने इन गांवों का दौरा किया। यह प्रशासनिक निष्क्रियता ही है, जिसके चलते अब मेंढरमार जैसे गांवों में शेड निर्माण बेलगाम गति से हो रहा है।हालांकि, दो दिन पूर्व धरमजयगढ़ एसडीएम स्वयं मौके पर पहुंचे और संदिग्ध स्थानों से लाल झंडे हटवाए। अब नोटिस तामील की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है,
लेकिन प्रश्न यह है कि क्या यह कदम पर्याप्त है या फिर यह केवल एक औपचारिक कार्रवाई बनकर रह जाएगा, जबकि जमीनी सच्चाई शेड की दीवारों में ही दफन हो जाएगी?
शेड की आड़ में चल रही भारी साजिश
भारतमाला के मार्ग में उगते लालच के साए, मेंढरमार में मुआवजा घोटाले की दस्तक, दलालों ने वसूले लाखों रुपये
