रायगढ़। जिले में इन दिनों सब कुछ अनकंट्रोल्ड दिखाई पड़ रहा है। दहशतगर्दी चरम पर है। भू माफि याओं को अब किसी के परवाह नहीं। क्योंकि सब कुछ उनके हिसाब से सेट है। गरीब और आदिवासी होना अब गुनाह हो गया है। ऐसा ही सनसनीखेज मामला रायगढ़ से सटे धनागर से आया है। जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। यहां पर करीब आधा दर्जन आदिवासियों के घर को दिनदहाड़े बुलडोजर से गिरा दिया गया। इतना ही नहीं उन आदिवासियों का घर तो उजड़ा ही मगर न्याय के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ा। शिकायत के लिए पहुंचे पीडि़त आदिवासी को कोतरा रोड थाने ने एक पावती देकर बैरन भेज दिया। इस मामले में पीडि़तों ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 1:00 से 5:00 बजे के बीच दो धनाड्य लोग एक कार में आए और अपने साथ एक जेसीबी व करीब दर्जन गुर्गे लेकर पहुंचे।
पीडि़तों ने बताया कि उनके घर की महिलाओं को बलात्कार तक की धमकी दी गई। उन्हें पीटा गया और घसीट कर घर से बाहर निकाल दिया गया। उनको अपने घर के सामान निकालने के भी मोहलत नहीं दी गई। इसके बाद जेसीबी से उनके घर को उनकी आंखों के सामने ही तोड़ दिया गया। पुलिस ने भी उनका साथ नहीं दिया। कोतरा रोड थाने में शिकायत के लिए गए मगर उस समय उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। बस एक रिसीविंग थमा कर लौटा दिया गया।
इसके बाद में न्याय की आस में आदिवासी खरसिया विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल के दर पर पहुंचे। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस के उच्च अधिकारियों से बात की। इसके एसपी के दखल के बाद कोतरा रोड थाने में आज उनकी सुनवाई हो रही है। पीडि़त आदिवासियों को बुलाया गया और अब उनकी शिकायत लिखी जा रही है।
इस मामले में पीडि़त आदिवासियों ने आवेदन में बताया कि वे पिछले दशको से पीढ़ी दरपीढ़ी वहां निवास कर रहे हैं उस जमीन को अपनी बात कर गोपाल अग्रवाल के द्वारा तहसील ऑफि स से नोटिस दिलवा कर उन्हें परेशान किया जा रहा है 25 तारीख को उन्हें कोर्ट से 30 तारीख की तारीख मिली थी। मगर इस बीच ही दबंगई दिखाते हुए बुलडोजर से उनके मकान को गिरा दिया गया।
जेसीबी से गिरा दिया गया दर्जनों आदिवासियों का घर
2 दिन तक पुलिस भी साइलेंट
