रायगढ़। पूर्व इसरो प्रमुख,वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी के निधन पर वित्त मंत्री विधायक रायगढ़ ओपी चौधरी ने कहा उनके निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और नई शिक्षा नीति में उनका अमूल्य योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) के पूर्व अध्यक्ष और प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए ओपी ने उनके संबद्ध में जानकारी देते हुए कहा डॉ. कस्तूरीरंगन का योगदान भारत की अंतरिक्ष वैज्ञानिक उपलब्धियों में बेहद अहम रहा है। वे 1994 से 2003 तक इसरो के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपग्रह प्रक्षेपण कार्यक्रमों का नेतृत्व किया। कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन योजना आयोग के सदस्य रहे। अंतरिक्ष आयोग के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में भारत सरकार के सचिव के रूप में 9 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को शानदार ढंग से आगे बढ़ाया। इससे पहले इसरो उपग्रह केंद्र के निदेशक रहे, जहां उन्होंने नई पीढ़ी के अंतरिक्ष यान, भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट-2) और भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आई.आर.एस.-1ए और 1बी) के साथ-साथ वैज्ञानिक उपग्रहों के विकास से संबंधित गतिविधियों का पर्यवेक्षण किया।
इसरो में उनकी मेहनत का यह सार्थक परिणाम यह हुआ कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों पर पहुंची इस वजह से भारत की वैश्विक मान्यता भी मिली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रारूपण के दौरान और भारत में शिक्षा को अधिक समग्र और दूरदर्शी बनाने के लिए डॉ. कस्तूरीरंगन के प्रयासों हेतु देश ऋणी रहेगा। युवा पीढ़ी के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए उनका जीवन प्रेरणा दाई है । ओपी चौधरी ने कहा कस्तूरीरंगन जी का राष्ट्र के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना करते हुए ओपी चौधरी ने दिवंगत आत्मा और परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
पूर्व इसरो प्रमुख, वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन पर ओपी ने शोक जताया
