खरसिया। डॉ.हितेश गबेल- उपाध्यक्ष,जनपद पंचायत तथा अध्यक्ष,स्थायी शिक्षा समिति की अध्यक्षता में सोमवार को जनपद पंचायत खरसिया के सभा कक्ष में विकास खंड-खरसिया के सभी अशासकीय शालाओं के प्रधान पाठक/प्राचार्यों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्थायी शिक्षा समिति के सदस्यगण जनपद पंचायत सदस्य भी उपस्थित रहे। बैठक में 9 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
प्रथम आरटीई अंतर्गत पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रप्त आवेदन में चयनित विद्यार्थियों का प्रवेश सभी विद्यालय सुनिश्चित करने पर चर्चा हुईं। वहीं निर्देशित किया गया कि शिक्षा के अधिकार के नियमों को पूर्ण रूप से क्रियान्वयन कराना सुनिश्चित करें। चर्चा का द्वितीय बिंदु रहा कि सभी अशासकीय विद्यालय ष्टक्चस्श्व से संम्बद्ध हैं, वे हृष्टश्वक्रञ्ज की किताब एवं छत्तीसगढ़ संबंद्ध विद्यालय स्ष्टश्वक्रञ्ज की किताबें विद्यालय में संचालित करें। वहीं अतिरिक्त विषय संचालित करने वाले विद्यालयों को जिला शिक्षाधिकारी की
अनुशंसा अनिवार्य रूप से लेनी होगी। विद्यालय में कौन कौन सी पुस्तकें संचालित हो रही हैं एवं किन स्थानीय पुस्तक दुकान में पुस्तकें उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी विद्यालय में प्रद?र्शित किया जाना अनिवार्य होगा। वहीं निर्देशित किया गया कि विद्यालय में पुस्तकों का विक्रय किसी भी स्थिति में ना किये जावे। बैठक का तीसरा महत्वपूर्ण विषय फीस विनियमन को लेकर रहा। विद्यालय में फीस वृद्धि हेतु शासन के नियमानुसार 8त्न बढ़ोत्तरी की जा सकती है, इसके लिए शासन की गाईडलाइन का पालन करते हुए, फीस विनियामक समिति से प्रस्ताव अनिवार्य रूप से पास कराना होगा। साथ ही विद्यालय में क्या अतिरिक्त सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, यह भी उल्लेख करना होगा। नहीं चौथा विषय शाला गणवेश को लेकर रहा। यह स्पष्ट किया गया कि विद्यालय में शाला गणवेश की विक्रय करना प्रतिबंधित है। शाला गणवेश स्थानीय बाजार में किन-किन दुकानों पर उपलब्ध है, इसकी जानकारी विद्यालय से प्राप्त हो। संबंधित दुकान की सूची और गणवेश के मूल्य की जानकारी विद्यालय में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए।
स्कूल बसों के लिए फिटनेस चेकअप जरूरी
बैठक में समस्त अशासकीय विद्यालयों के प्रधान पाठकों एवं प्राचार्यों को निर्देशित किया गया कि विद्यालय में छात्रों के परिवहन हेतु प्रयोग में लाये जा रहे वाहन का पंजीयन, फिटनेस चेकअप आरटीओ से अनिवार्य रूप से कराएं। साथ ही ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस आधार कार्ड विद्यालय में सुरक्षित रखे जाए। ड्राइवर से इस आशय का शपथ पत्र भी लिया जावे की वह नशा आदि ना करता हो। यह विषय विद्यालयीन छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए सुनिश्चित करें। वहीं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत किसी भी छात्र को शारीरिक रूप से दंड ना दिया जाये। किसी भी शिक्षक के द्वारा किसी छात्र को शारीरिक दंड दिए जाने का कोई प्रावधान नही है। अत: ऐसी शिकायत किसी भी विद्यालय से नहीं आनी चाहिए। साथ ही सभी अशासकीय विद्यालयों में बालक एवं बालिका हेतु पृथक-पृथक शौचालय अनिवार्य रूप से निर्मित हों तथा दैनिक रूप से शौचायलयों की सफाई हो। फिनाईल का डेली प्रयोग सुनिश्चित करें। वहीं सभी विद्यालयों में पेलजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो। पेयजल साफ, स्वच्छ हो। यदि संभव हो तो अशासकीय विद्यालयों में आरओ वाटर की व्यवस्था करें। अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक शासन के मापदण्ड के अनुरूप टीईटी, डीएलएड, बीएड की डिग्री अवश्य रखते हों। शासन के द्वारा शिक्षकों के लिए निर्धारित मापदंडों की पूर्ति करने वाले शिक्षकों को ही अशासकीय विद्यालय में विद्यालय शिक्षक नियुक्त करें। बैठक में शिक्षा समिति के सदस्य जनपद सदस्य- आरती लक्ष्मी पटेल, बालेश्वरी राठिया एवं अर्चना सिदार सम्मिलित हुए। शिक्षा विभाग से विकास खण्ड शिक्षाधिकारी शैलेश कुमार देवांगन एवं बीआरसी प्रदीप कुमार साहू उपस्थित रहे।
अशासकीय शालाओं के प्राचार्य एवं प्रधान पाठकों की हुई बैठक
आरटीई, पाठ्यपुस्तक, परिवहन तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा
