धरमजयगढ़। जिले में आए दिन श्रमिको के साथ कही ना कही हादसों और अनहोनी के खबर सामने आते रहते है वही अनहोनी का मुख्याकारण सुरक्षा या फिर लापरवाही है, जिसमें श्रमिको का जान तक चली जाती है चाहे वो प्लांट या खदान, पर छाल एसईसीएल की खुली खदान में ओबी ठेका कंपनी रामकृपाल सिंह कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में श्रमिक के प्रति लापरवाही से महज 22 वर्ष करण पासवान की जान चली गई।
बतादे कि 27 मार्च गुरुवार की सुबह आर.के.एस. कंपनी के कैंपस में करन पासवान जिसकी उम्र मजह 22 वर्ष थी अचानक उसके पेट में दर्द हुआ करन पासवान और इसके साथियों द्वारा लगातार कंपनी प्रबंधन से उपचार के लिए वाहन का मांग किया गया, वही समय पर साधन नहीं मिलने से इलाज के अभाव में कंपनी कैंपस में ही करन पासवान की तड़पकर जान चले गई।
राम कृपाल सिंह कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की लापरवाही से एक श्रमिक की जान चली गई पर एसईसीएल प्रबंधन अब भी चुप्पी साधे बैठा हुआ है जहां कंपनी में 400 से 500 वर्कर काम करते है क्या वहां श्रमिको को लिए प्राथमिक उपचार की सुविधा और एमरजेंसी के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं रखनी चाहिए क्या…? एसईसीएल के सुरक्षा और सेफ्टी विभाग के कर्मचारियों द्वारा क्या समय समय पर एसईसीएल में कार्य कर रही प्राइवेट ठेका कंपनी में जाकर वहां का निरक्षण करने का कोई भी प्रावधान नहीं है । आर.के.एस. कंपनी के कैंपस में श्रमिक की जान समय पर उचित उपचार के लिए साधन नहीं मिलने से हुआ है। वही समय पर साधन नहीं दिलाने वाले लापरवाही बरतने वाले कंपनी के अधिकारियों पर जांच कर उचित कार्यवाही करने की जरूरत है पर आज 18 दिन बीत गए पर एसईसीएल प्रबंधन द्वारा कोई भी जांच कार्यवाही नहीं की गई।
कंपनी मजदूर संघ ने भी नहीं दिया साथ
नाम नहीं बताने के शर्त पर कंपनी के श्रमिको ने बताया कि आर.के.एस. कंपनी में छाल के लोकल ड्राइवरों द्वारा छत्तीसगढिय़ा वाहन चालक मजदूर संघ (छाल) के नाम से यूनियन चलाया जाता है जिसके द्वारा भी श्रमिको के हित में कोई कार्य नहीं किया जाता बल्कि अपना स्वार्थ निकाला जाता है यूनियन द्वारा भी कंपनी प्रबंधन की लापरवाही के लिए विरोध तो दूर की बात श्रमिक की मौत के बाद दो मिनट समय नहीं निकला गया वाहन खड़ा करके मौन धारण करने के लिए, बस यूनियन बनाकर श्रमिको से महीना महीना 500 – 700 रुपए चंदा लिया जाता है जिसका कोई रशीद तक नहीं दिया जाता ।
स्थानीय और बाहरी श्रमिकों से भेदभाव
करीब पांच माह पहले एसईसीएल के ही ठेका कंपनी में एक स्थानीय मजदूर की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जिसके लिए लोकल यूनियनों द्वारा रात को ही जनांदोलन कर 15 लाख रुपए मुआवजा दिलवाया गया। लेकिन यहां स्थिति उल्टी नजर आ रही है क्योंकि करन पासवान झारखंड के होने के कारण से स्थानीय मजदूर यूनियन द्वारा कंपनी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया जो स्पष्ट यूनियन द्वारा भेदभाव दिख रहा है। संतोष पासवान (मृतक का भाई) मेरे द्वारा राम कृपाल सिंह कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में फोन किया जा रहा है तो कंपनी के अधिकारी द्वारा फोन रिसीव नहीं किया जा रहा जिससे कंपनी के प्रति लापरवाही को लेकर कई प्रकार से शंका जाहिर हो रहा है।
लापरवाही से श्रमिक की मौत पर एसईसीएल प्रबंधन आर.के.एस कंट्रक्शन पर कब करेगा कार्यवाही
लोकल यूनियन भी कंपनी के सामने चुप्पी साधे
