धरमजयगढ़। सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत वन भूमि का पट्टा वितरण किया जाना भले ही हितग्राहियों के लिए लाभ का विषय हो लेकिन इसकी आड़ में जंगलों की वृहद स्तर पर अवैध कटाई जारी है। अब तक जिले के लगभग सभी गांवों के कई लोगों को वन अधिकार पत्र दिया गया है। इसी कारण इससे वंचित अन्य लोग भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए तमाम कवायद कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि मैदानी अमला इस बात से अनजान है बल्कि जिस स्तर पर वनों की कटाई हो रही है उसे देखकर लगता है कि यदि ऐसे मामलों की यदि निष्पक्ष जांच हो तो इस अतिक्रमण रैकेट में विभागीय जिम्मेदारों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें पट्टा का लाभ उठाने के लिए सैकड़ों एकड़ वन भूमि को साफ कर दिया गया। इसके साथ ही वहां स्थित कई पेड़ों को काट दिया गया। यह सिलसिला काफ़ी समय तक चलता रहा और मैदानी अमला मूक दर्शक बना बैठा रहा। किसी भी कर्मचारी ने इस मामले की विधिवत जानकारी अपने अधिकारी को नहीं दी। अब जाकर जब यह बात फैलने लगी तो अधिकारी तक भी मामला पहुंचा। जिसके बाद हाल ही में फारेस्ट एसडीओ ने मौका मुआयना किया था। यह मामला धरमजयगढ़ रेंज के चैनपुर इलाके का है जहां पर करीब 50 एकड़ से अधिक जंगल को साफ कर दिया गया है। चैनपुर गांव से सटे हुए फारेस्ट एरिया में यह अतिक्रमण किया जा रहा है। इस पूरे मामले में विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ इस मामले में आला अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है। हाल ही में धरमजयगढ़ फारेस्ट एसडीओ ने मौका मुआयना किया है। सोर्स के अनुसार फिलहाल काटे गए पेड़ों की गणना की जा रही है। उसके बाद आगे की जांच शुरु की जाएगी। विभागीय स्रोत से मिली जानकारी के मुताबिक़ इस मामले में फिलहाल पीओआर दर्ज नहीं किया गया है। वहीं, फारेस्ट एसडीओ ने इस मामले पर मैसेज के माध्यम से पूछे गए सवालों पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।
पीओआर दर्ज किया गया – डिप्टी रेंजर
इस मामले में संबंधित इलाके के फारेस्ट डिप्टी रेंजर दुबे ने फोन पर बताया कि इस मामले की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि मौका देखकर ही वास्तविक स्थिति के बारे में बता सकते हैं। डिप्टी रेंजर ने बताया कि इस मामले में जब्तीनामा और पीओआर की कार्रवाई की गई है।
पट्टे के लिए सैकड़ों एकड़ जंगल साफ, मूकदर्शक बना रहा अमला!
अब जब्तीनामा और पीओआर की कार्रवाई, उठ रहे गंभीर सवाल
