धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन द्वारा ठेकेदारों को भुगतान करने में असामान्य विलंब होने पर सीजीआरडीसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने ठेकेदारों को व्यवसायिक हानि पहुंचने और उसके कारण आर्थिक रूप से विषम हालातों का सामना करने के कारण तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिम्मेदारों से इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है। चेयरमैन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि एसोसिएशन के निर्देश पर इस आशय को लेकर पत्र जारी करने की बाध्यता की स्थिति निर्मित हुई है। ऐसे में इस मामले में अविलंब संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ विकास कंपनी के अधीन कार्यरत ठेकेदारों के पक्ष में आवश्यक कार्यवाही की अपेक्षा की गई है।
वित्तीय संहिता का उल्लंघन
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के छत्तीसगढ़ के सेंट्रल चेयरमैन रुपेश कुमार सिंघल द्वारा बीते बुधवार को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सडक़ विकास कंपनी के अधीन ठेकेदारों द्वारा कार्यों के निष्पादन के बाद मेजरमेंट सहित देयक प्रस्तुत किया जाता है। चेयरमेन ने बताया है कि प्रदेश में अलग अलग लोक निर्माण संभाग क्षेत्रों से भुगतान हेतु 3 सौ करोड़ रुपए के पारित देयक बीते 3 महीनों से एक साल के लिए लटका हुआ है। जिसमें चल और अंतिम बिल भुगतान शामिल है। इसके साथ ही पत्र में कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्टर्स का पारित भुगतान लंबे समय तक रोके रखना टेंडर की शर्तों एवं छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता के नियम 13 का उल्लंघन है।
मंत्रियों से भी किया गया पत्राचार
प्रदेश के बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रुपेश कुमार सिंघल द्वारा प्रबंध निदेशक को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा एमएसएमई एक्ट लागू किया गया है। इस अधिनियम की धारा 16 में प्रावधान किया गया है कि भले ही क्रेता और आपूर्ति कर्ता के बीच अनुबंध में कोइ भी प्रावधान हो आपूर्ति कर्ता को रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दर सहित भुगतान करना होगा। चेयरमेन ने कहा कि ऐसे कई न्याय दृष्टांत हैं जिनमें ब्याज सहित भुगतान करने की बाध्यता का निर्णय पारित किया गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल द्वारा भी ऐसे ही एक केस में क्षतिपूर्ति समेत भुगतान करने का आदेश जारी किया गया है। इस पत्र की प्रतिलिपी संबंधित केंद्रीय मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ वित्त मंत्री ओपी चौधरी को भी प्रेषित की गई है। चेयरमेन द्वारा ठेकेदारों की आर्थिक समस्याओं और व्यावसायिक नुकसान को देखते हुए इस विषय पर अविलंब संज्ञान लेते हुए निर्णय लेने की बात कही गई है।
3 सौ करोड़ का भुगतान पेंडिंग, चेयरमैन का एमडी को पत्र
