रायपुर। देश की पहली लिथियम खदान छत्तीसगढ़ में शुरू होगी। दिल्ली में हुई नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) की 6वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में सीएम विष्णुदेव साय के प्रतिनिधि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल थे।
रायपुर लौट कर मंत्री जायसवाल ने बताया कि, राज्य सरकार और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट के बीच कोरबा में खदान शुरू करने पर सहमति बन गई है। खदान की नीलामी प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई बैठक में खनिज दोहन और इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई। प्रकृति और पर्यावरण पर पडऩे वाले असर को लेकर वैकल्पिक इंतजाम क्या होंगे, तय किया जा रहा है।
कटघोरा के घुचापुरा एरिये में है लीथियम
कटघोरा के घुचापुरा के आसपास करीब 250 हेक्टेयर इलाके में 10 से 2 हजार पीपीएम लिथियम कंटेंट की उपलब्धता मिली है। लिथियम मिलने की पुष्टि जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की है। सरकार की ओर से तय की गई दर से 76प्रतिशत अधिक पर इस खदान को नीलाम किया गया है। इसका ठेका माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को मिला है। कंपनी ने टेंडर रिजर्व प्राइस 2 प्रतिशत रायल्टी के समक्ष 38 प्रतिशत अधिक डाला था। लिथियम दोहन की जो मात्रा होगी, उसके उस समय के बाजार मूल्य का 76 प्रतिशत छत्तीसगढ़ राज्य को मिलेगा। यह राशि हजारों करोड़ में संभावित है। इसके अलावा केंद्र की ओर से तय 3 प्रतिशत की रायल्टी और डीएमएफ की राशि भी प्राप्त होगी। लिथियम के कटघोरा ब्लॉक के लिए कंपोजिट लाइसेंस दिया जा रहा है। जिसमें परीक्षण व खनन दोनों ही अधिकार शामिल हैं।
क्या है लिथियम
लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल (अलौह धातु) है। यह एक रेअर अर्थ एलिमेंट है। एक नरम, चांदी जैसी धातु होता है। यह नाम ग्रीक शब्द लिथोस से लिया गया है जिसका अर्थ है पत्थर। लिथियम धातु को एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम के साथ मिश्र धातु में बनाया जाता है। जिससे उनकी ताकत बढ़ती है और वे हल्के होते हैं।
लिथियम से विकसित होगा प्रदेश-सीएम
सीएम साय ने कहा कि, लिथियम एक अहम धातु है जिससे राज्य और देश विकास की नई दिशा की तरफ अग्रसर होंगे। लिथियम खदान के शुरू होने से छत्तीसगढ़ आने वाले समय में देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा। विकसित भारत 2047 के योगदान में छत्तीसगढ़ के लिथियम भंडार का बड़ा योगदान होगा।
देश को होगा फायदा
भारत लिथियम के लिए अपनी जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है। 2020 से भारत लिथियम आयात करने के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर रहा। भारत अपनी लिथियम-आयन बैटरियों का करीब 80त्न हिस्सा चीन से मंगाता है। भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए अर्जेंटीना, चिली, ऑस्ट्रेलिया और बोलिविया जैसे लिथियम के धनी देशों की खदानों में हिस्सेदारी खरीदने पर काम कर रहा है। लिथियम भंडार मिलने से सबसे बड़ा फायदा इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होंगी। तमाम देश पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर अपनी निर्भरता को कम कर रहे हैं। इन सब में लिथियम का बड़ा योगदान है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक लिथियम की वैश्विक मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
कटघोरा में शुरू होगी देश की पहली लिथियम खदान
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