रायगढ़। रामलीला मैदान की हालत आज बद से बदतर हो गई है। लोग यहाँ खेलना तो दूर चलने में भी डर रहे है, आये दिन वाहन यहाँ फिसल कर गिर रहे है। कभी भी कोई भी अनहोनी घटना यहाँ घटित हो सकती है।
आज से चार पांच माह पूर्व नगर निगम द्वारा मैदान की मिट्टी हटवाकर यहाँ पर ना जाने कितने लाख की लागत से यह खतरनाक मिट्टी डलवाई गई. शासकीय आंकड़ा 45 लाख का सुना गया है, पर इस मैदान की हालत देखकर तो कुछ और ही कहानी स्वत: बयां होती है। मिट्टी भी इतने लापरवाही पूर्वक डाला गया है कही ऊपर कही नीचे, और आश्चर्य की बात आत्मानंद स्कूल वाले लाइन की बाउंड्री में बजट नहीं है का बहाना करके उधर मिट्टी ही नहीं डाला है ठेकेदार. इस वजह से आत्मानंद स्कूल के पास नाली का पूरा पानी विगत डेढ़ माह से बुरी तरह जमा है.. जो डेंगू जैसी बीमारियों का ब्रांड एम्बेसडर बनने को आमादा है।
पूरे मैदान में है 100 से अधिक गड्डे
इस मैदान में 100 से भी अधिक गड्डे लोगों की जान लेने को तत्पर है, कभी भी कोई भी बड़ा हादसा यहाँ हो सकता है। सत्तीगुड़ी चौक तरफ से आत्मानंद स्कूल तक आने में आपको 18 से अधिक गड्डों को पार करना पड़ेगा वही गौशाला की तरफ से आप आत्मानंद स्कूल आते है तो दो दर्जन से अधिक गड्डे आपका स्वागत करेंगे। रोजाना यहाँ पर कई गाडिय़ा कीचड़ में फंस रही और ना जाने कितनी गाडिय़ा यहाँ पर फिसल कर गिर रही है।
पैदल चलना भी हुआ दूभर
इस मैदान में कीचड़ भरी मिट्टी के फिसलन की वजह से लोग पैदल भी नहीं चल पा रहे है आज से दो माह पूर्व इस मैदान में क्रिकेट फुटबाल सभी कुछ एक साथ खेला जाता था, 20 से 25 ख्यातिलब्ध शख्स यहाँ मॉर्निंग वॉक करते थे अब वो गिनती में समाहित हो गए है।
डेंगू का बनेगा गढ़
श्री रामलीला मैदान से डेंगू के मच्छर पनपकर पूरे शहर में फैलाये जायेंगे, यहाँ पर जगह जगह गड्ढों में काई भी हो रही है और मच्छर भी पनप रहे है। ये मच्छर श्री रामलीला मैदान वासियो को गणेश तालाब के जितने भी ठेले वाले है वहाँ पर आने वाले लोगों को प्रभावित करेंगे.. नगर निगम घर घर गमलो में जमा पानी ढूढऩा छोड़ इसकी व्यवस्था नहीं की तो डेंगू का असली हाहाकार इस बार देखने को मिलेगा।
ठेकेदार पर हो कार्रवाई
यहाँ पर जो मिट्टी डाला है उस ठेकेदार पर लापरवाही बरतने के मामले में तत्काल कार्यवाही लाजिमी है। कमीशन के खेल में मैदान की हालत बद से बदतर कर दी है। बच्चों के खेल के लिहाज से आयोजनों का यह शानदार मैदान मिट्टी फिलिंग कमीशन की भेंट चढ़ गया। यहाँ पर जो भी खेलने की सोचेगा उसकी इंज्यूरी तय है. उम्र दराज लोग महिलाएं जो शान से यहां मॉर्निंग वॉक किया करती थी सभी ने यहाँ से दूरी बना ली है।
संवेदनशील कलेक्टर से है क्षेत्र के रहवासियों को उम्मीद
संवेदनशील कलेक्टर कार्तिकेय गोयल से इस क्षेत्र के रहवासियों को बहुत उम्मीदें है। कलेक्टर कार्तिकेय सर ही इस मैदान को फिर से जीवित करने का माददा रखते है। मैदान की बदतर हालत की शिकायत लेकर स्थानीय खिलाडिय़ों का एक दल अतिशीघ्र कलेक्टर सर से मिलेंगे।
बारिश में पानी के जमाव से अस्त-व्यस्त हुआ रामलीला मैदान
खेलना तो दूर चलना भी हुआ दूभर
