धरमजयगढ़। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 2 करोड़ छात्रों, 14 लाख शिक्षकों व 5.69 लाख पैरेंट्स के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मण्डपम में आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से जुड़े लोगों से मोदी ने वर्चुअल संवाद किया।
बच्चों द्वारा किया गया सवाल – छात्र-शिक्षक का रिश्ता कैसा होना चाहिए के बच्चों के सवाल पर पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि डिग्री तो सबके पास होती है, लेकिन कुछ डॉक्टर्स ज्यादा सफल इसलिए होते हैं क्योंकि वह पेशेंट को दोबारा फोन करते हैं कि आपने दवाई ले ली थी। यह बॉन्डिंग मरीज को आधा ठीक कर देती है। मान लीजिए किसी बच्चे ने अच्छा किया और टीचर ने उसके घर जाकर मिठाई मांगी तो उस परिवार को ताकत मिलेगी। परिवार भी सोचता होगी कि टीचर ने तारीफ की है तो हमें भी थोड़ा ध्यान देनी की जरूरत है। टीचर का काम नौकरी बदलना नहीं बल्कि छात्र का जीवन बदलना है।
इस कार्य क्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को परीक्षा के भय से मुक्ति दिलाना और अपनी इस डर के परिस्थितियों का सामना करना है और बच्चे परीक्षा के परिणाम की चिंता ना करते हुए अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहकर नियमित अध्ययन व परीक्षा का अभ्यास करते रहें । इस कार्यक्रम में शाला प्रभारी सुरेंद्र सिंह ,समस्त शिक्षक गण, विधार्थी गण एवं अतिथि गण उपस्थित रहे।
डीएव्ही स्कूल में प्रोजेक्टर पर दिखाया गया परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम
