रायगढ़। पिछले एक अरसे से शहर की सडक़ों पर छूट्टे घुमते सांड दहशत और आतंक का पर्याय बनते जा रहे हैं। अभी हाल ही के दिनों में शहर के अलग-अलग इलाकों में ऐसे ही सांडों ने राह चलते लोगों को चोटिल किया है। खासतौर पर पैदल चलने वाले वृद्ध, छोटे बच्चे और महिलाएं ऐसे सांडों की चपेट में आ रहे हैं।
शहर के पूरे 48 वार्डों में इन सांडों को अलसुबह से शाम ढलते तक धींगा मस्ती करते देखा जा सकता है। खासतौर पर शहर के हृदय स्थल समझे जाने वाले हटरी चौक से केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड तक की संकरी गलीनुमा सडक़ में एक दर्जन से ज्यादा सांड अमूमन घूमते रहते रहे हैं। शहर के अन्य इलाकों का भी कमोबेश यही हाल है। सांडों की इस उत्पात की शिकायत निगम प्रशासन से भी की जा चुकी है, लेकिन निगम प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है जबकि अब तक अलग-अलग इलाकों में सांड कई लोगों को चोटिल कर चुके हैं। निगम प्रशासन अगर अब भी सांडों के इस आतंक को नियंत्रित करने के दिशा में जरूरी पहल नहीं करेगा तो कल को कोई अनहोनी भी हो सकती है। निगम प्रशासन से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सडक़ों से सांडों को बेदखल करने के लिये जरूरी पहल करेगा।
सडक़ों पर छुट्टे घुमते सांड बने भय और आतंक के पर्याय
