बिलासपुर। हावड़ा–मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर स्थित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल के अंतर्गत बिलासपुर- झारसुगुड़ा सेक्शन में चौथी लाइन निर्माण कार्य तेजी से जारी है। क्षमता वृद्धि एवं परिचालन दक्षता सुधार के उद्देश्य से चल रही इस महत्वपूर्ण परियोजना के अंतर्गत चांपा-खरसिया सेक्शन के बाराद्वार स्टेशन में चौथीलाइन कनेक्टिविटी हेतु प्री–नॉन इंटरलॉकिंग एवं नॉन इंटरलॉकिंग कार्य प्रारम्भ किया गया है।
बिलासपुर–झारसुगुड़ा चौथी रेल लाइन परियोजना की कुल लंबाई 206 किलोमीटर है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 2979 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में अब तक लगभग 140 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह उपलब्धि परियोजना की तीव्र प्रगति तथा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अधोसंरचना विस्तार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस चरण में स्टेशन यार्ड का पुनर्संरचना, नए टर्नआउट्स की स्थापना, ट्रैक स्लूइंग व लिंकिंग, सिग्नलिंग एवं इलेक्ट्रिकल उपकरणों का स्थानांतरण, केबलिंग, ओवरहेड संरचनाओं का समायोजन आदि कार्य शामिल हैं। यह कार्य तकनीकी रूप से अत्यंत जटिल है, जिसे निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए व्यापक योजना के साथ निष्पादित किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण कार्य में लगभग 350 से अधिक श्रमिक, इंजीनियर, स्टेशन मास्टर, मुख्य यातायात निरीक्षक, ट्रैक मशीन स्टाफ, सिग्नल एवं दूरसंचार तकनीशियन तथा यार्ड संचालन दल दिन-रात युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं। शीतकालीन मौसम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद सभी टीमें उच्च गुणवत्ता के साथ समयबद्ध कार्य सुनिश्चित करने में तत्पर हैं। प्री-एनआई/एनआई कार्य पूरा होने के पश्चात चौथी लाइन को बाराद्वार स्टेशन से सफलतापूर्वक जोड़ा जाएगा, जिससे परियोजना की प्रगति में एक और महत्वपूर्ण कदम दर्ज होगा। चौथी लाइन निर्माण पूर्ण होने पर इस व्यस्त सेक्शन में रेल संचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, ट्रेनों का सुचारु एवं समयबद्ध परिचालन सुनिश्चित होगा तथा यात्रियों को अधिक संरक्षित और निर्बाध यात्रा की सुविधा प्राप्त होगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इस महत्वपूर्ण परियोजना को निर्धारित समय के भीतर गुणवत्ता मानकों के साथ पूर्ण करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।
बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी रेल लाइन परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति
बाराद्वार स्टेशन पर चौथीलाइन कनेक्टिविटी हेतु प्री-नॉन इंटरलॉकिंग/नॉन इंटरलॉकिंग कार्य प्रारम्भ



