सरिया/बरमकेला। ग्राम विश्वासपुर में स्थित श्री श्री राधामाधव मंदिर परिसर में मंगलवार को व्यंजन द्वादशी (56 भोग) का आयोजन किया गया। मंदिर के प्रतिष्ठाता गुरु श्री नरसिंह दाश जी के सानिध्य में आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में करीब दोपहर 12 बजे सुशील दाश,प्रमोद दाश एवं पुजारी गंगा जी के संयुक्त नेतृत्व में भगवान श्री श्री राधा माधव जी की पूजा-अर्चना के पश्चात भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया।
छप्पन भोग का समय प्रेम से महका
छप्पन भोग का समय था-मंदिर में सुगंध ऐसी फैल रही थी जैसे पूरा वृन्दावन धाम प्रेम से महक उठा हो। हरिनाम संकीर्तन की गूंज, हवा में उठती तुलसी और घी की महक, और भक्तों की जय-जयकारज् सब कुछ दिव्य था। सभी भक्तों को महाप्रसाद का सेवन कराया गया।
विधिवत पूजा आरती के पश्चात् दोपहर एक बजे से सायं चार बजे तक भंडारा का कार्यक्रम चला,जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु गण एवं भक्तों ने छप्पन भोग और अन्न महाप्रसाद ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि दान-दाताओं की अपार सहयोग से सभी श्रद्धालु भक्तों को महाप्रसाद का सेवन कराया गया। वहीं उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी श्री हरिनाम संकीर्तन भक्तगण के अलावा श्रमदानी एवं अंशदानी दान-दाताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई है।
सच्चे मन से बना भोजन अमृत समान हो जाता है-चूड़ामणि पटेल
हरिनाम संकीर्तन प्रेमी चूड़ामणि पटेल ने बताया कि 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं,जिसे छप्पन भोग कहा जाता है। यह भोग रसगुल्ले से शुरू होकर दही,चावल,पूरी,पापड़ आदि से होते हुए इलायची पर जाकर विश्रामित होता है। उन्होंने कहा कि छप्पन भोग अर्पित करने का अर्थ है भगवान के प्रति अपनी पूरी भक्ति और समर्पण व्यक्त करना। हर व्यंजन प्रेम और श्रद्धा से बनाया जाता है ताकि वह भगवान के लिए प्रसाद बन सके. माना जाता है कि जब भक्त सच्चे मन से भोजन बनाकर भगवान को अर्पित करता है, तो वह महाप्रसाद बनकर अमृत समान हो जाता है।
विशेष रूप से इनकी रही गरिमामयी उपस्थिति
व्यंजन द्वादशी 56 भोग कार्यक्रम में सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अजय जवाहर नायक,रायगढ़ डॉ.राजू अग्रवाल,देवकुमार साहू,रघुनाथ पटेल,विक्रम सिंह राजपूत, नरसिंह पटेल,उग्रसेन साहू,अग्नू पटेल,जयप्रकाश पटेल,तुलाराम मालाकार,कार्तिक पटेल, नंदलाल पटेल समेत सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।
राधामाधव मंदिर विश्वासपुर में चढ़ाया गया छप्पन भोग
भक्तों ने किया महाप्रसाद का सेवन...



