घरघोड़ा। जनपद पंचायत घरघोड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत अमलीडीह में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को लेकर गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। आरोप है कि ग्राम पंचायत के तत्कालीन जन सूचना अधिकारी शांति बेहरा ने आरटीआई प्रावधानों की स्पष्ट अवहेलना करते हुए आवेदक को अधूरी और भ्रामक सूचना उपलब्ध कराई गई है या ये कही जानकारी छिपाने कि मंशा को दर्शाता है
प्रकरण के अनुसार, आवेदक द्वारा पंचायत की वित्तीय पारदर्शिता से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज वर्ष 2022-23 और 2023-24 की ऑडिट रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन जन सूचना अधिकारी ने केवल 2023-24 का सीमित अंश उपलब्ध कराकर न केवल सूचना को रोका, बल्कि सूचना को लेकर पल्ला झाडऩे जैसा रुख अपनाया। 2022-23 की ऑडिट रिपोर्ट को जानबूझकर रोके जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है, जिससे संभावित वित्तीय घोटाले, अनियमित व्यय, या भ्रष्टाचार के छिपे होने के संकेत मिलते हैं। आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले को अत्यंत गंभीर बताया है। जन सुचना अधिकारी का इस प्रकार का कृत्य ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न चिह्न खड़े करता है।
मामले में आवेदक ने विधिवत प्रथम अपील दायर कर दी है। अब पूरा मामला प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष है। ग्रामीणों और आरटीआई कार्यकर्ताओं की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अपीलीय अधिकारी जन सूचना अधिकारी की इस स्पष्ट लापरवाही और संभावित कदाचार पर कानूनी और विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
ग्राम पंचायत स्तर पर इस प्रकार की गोपनीयता और पारदर्शिता की कमी स्थानीय शासन व्यवस्था पर अविश्वास को बढ़ा रही है। यदि 2022-23 की ऑडिट रिपोर्ट में अनियमितताओं का विवरण छिपाया गया है, तो यह मामला मेजर फाइनेंशियल मिसकंडक्ट की श्रेणी में आ सकता है, जिसकी जांच अनिवार्य है। फिलहाल, अमलीडीह पंचायत में आरटीआई उल्लंघन का यह मामला स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही, पारदर्शिता और वित्तीय नियंत्रण तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
ग्राम पंचायत अमलीडीह में आरटीआई अधिनियम का खुला उल्लंघन
जन सूचना अधिकारी पर गंभीर आरोप



