सारंगढ़। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के 86 धान उपार्जन केन्द्रों के समिति प्रबंधक, नोडल अधिकारी, पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों का बैठक लिये। कलेक्टर ने कहा कि फटे हुए बारदाना में धान खरीदी नहीं करना है। धान खरीदी केन्द्रों में बिचोलियों, कोचियों आदि का धान नहीं आना चाहिए, उसका सतत् जांच करें और कार्यवाही करें। समय पर सभी धान खरीदी केन्द्रों में पहुंचे। गेट में ही किसानों के अलग-अलग बारदाना में भरे धान की नमी की जांच करें। किसानों से शालीनता से बात करें। शासन द्वारा निर्धारित धान का वजन प्रति बारदाना में तौल करें। किसानों से अतिरिक्त धान नहीं लें। किसानों से बात कर उनसे जानकारी लें कि कितने का टोकन कटा है, कितनी एकड़ की खेती की, पैदावार कैसा हुआ। 2 एकड़ भूमि स्वामी वाले छोटे सीमांत किसानों को टोकन जारी कर धान खरीदी के बाद तत्काल रकबा समर्पण कराएं, ताकि उन्हें बार- बार खरीदी केन्द्र आने की जरूरत नहीं पड़ें। इसी प्रकार बड़े किसानों का भी पूर्ण धान खरीदी हो जाए तो उनका भी रकबा समर्पण कराएं। खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त हमालों की व्यवस्था होनी चाहिए। धान की खरीदी के पूर्व सभी किसान अलग- अलग ढेरी लगाएं। खरीदी के बाद उसी दिन किस्म के अनुसार स्टेकिंग की जाए। स्टेकिंग के लिए यदि अतिरिक्त हमालों की व्यवस्था की जरूरत हो तो उसकी व्यवस्था करें। कलेक्टर ने कहा कि धान खरीदी केन्द्र में किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसका ध्यान रखें। सभी समिति प्रबंधक मूल भूत सुविधाएं पेयजल, शौचालय, लाइट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही किसानों के जलपान के लिए छोटे होटल वालों को धान खरीदी केन्द्र के पास अस्थाई गुमटी, ठेला, होटल खोलने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि किसानों को नाश्ता पानी मिले और छोटे दुकानदार को भी आमदनी हो। बैठक में अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे सहित राजस्व, कृषि, सहकारिता, खाद्य, मार्कफेड के अधिकारीगण उपस्थित थे।



