रायपुर। सरकारी कामकाज में कसावट लाने और सिस्टम को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए सरकार अब मंत्रालय में उपस्थिति व्यवस्था को हाई-टेक करने जा रही है। 1 दिसंबर यानि आज से मंत्रालय में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया गया है। शुरुआती चरण में यह व्यवस्था अवर सचिव और उनसे सीनियर सभी अधिकारियों पर लागू होगी। जनवरी से इसे सभी संचालनालयों में और इसके बाद जिले स्तर के सभी सरकारी कार्यालयों में लागू करने की तैयारी है।
बता दें कि 20 नवंबर से मंत्रालय में बायोमेट्रिक अटेंडेंस का ट्रायल रन चल रहा है। नए सिस्टम के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को दिन में दो बार अटेंडेंस दर्ज करनी होगी। आने वाले दिनों में प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख अधिकारी-कर्मचारी पर इसका असर दिखेगा। एक बार प्रवेश के समय इन और दूसरी बार प्रस्थान के समय आउट। इसके लिए दो विकल्प दिए गए हैं। पहला, मंत्रालय के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर दीवार पर लगाए गए थम्ब-बेस्ड आधार-सक्षम बायोमेट्रिक डिवाइस, जिन पर अंगूठा लगाकर उपस्थिति दर्ज होगी। दूसरा, स्मार्टफोन पर उपलब्ध आधार आधारित फेशियल वेरिफिकेशन सिस्टम, जिसके जरिए अधिकारी मोबाइल से ही अपनी एंट्री और एग्जिट मार्क कर सकेंगे। सरकारी दफ्तरों में अक्सर देखी जाने वाली लेटलतीफी, बीच में गायब रहने की प्रवृत्ति और समय से पहले ऑफिस छोडऩे जैसी आदतों पर यह सिस्टम बड़ा लगाम लगाएगा। अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था से उपस्थिति की निगरानी आसान होगी और बिना कारण देरी करने वालों पर सीधे कार्रवाई संभव होगी। यह मैन्युअल त्रुटियों को खत्म कर उपस्थिति रिकॉर्डिंग को अधिक सटीक बनाता है। सुरक्षित व्यवस्था होने के कारण केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही एंट्री की अनुमति। उपस्थिति प्रबंधन के स्वचालन से प्रशासनिक प्रक्रियाएं तेज होंगी और समय की बचत होगी। कुल मिलाकर शासन-प्रशासन में अनुशासन, पारदर्शिता और कसावट आएगी।
मंत्रालय में बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस आज से शुरू
सरकार ने अटेंडेंस व्यवस्था को किया हाईटेक, 20 नवंबर से चल रहा था ट्रायल, जनवरी से संचालनालयों में लागू



