जैजैपुर-सक्ती। सक्ती जिले की सेवा सहकारी समिति भोथिया में धान खरीदी को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। धान खरीदी सीजन शुरू होते ही इस घोटाले की गंध प्रशासन तक पहुंच चुकी है।
ग्राम भोथिया के किसान राकेश कुमार चन्द्रा ने कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि समिति के भीतर बैठे कुछ लोग फर्जी पंजीयन के जरिए सरकारी तंत्र को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। शिकायत में साफ लिखा गया है कि भोथिया सेवा सहकारी समिति में पंजीयन क्रमांक 824 को फर्जी तरीके से सक्रिय रखकर 2023–24 व 2024–25 में धान की बिक्री की गई, जबकि जिस व्यक्ति के नाम पर पंजीयन किया गया, वह न तो खेती करता है और न ही उसके पास कृषि भूमि है। इसके बावजूद धान बेचकर लाखों रुपये का भुगतान उठाया गया। आरोप में जिन नामों का उल्लेख है, वे दिनेश कुमार चन्द्रा, मोहल लाल चन्द्रा, और संतोषी चन्द्रा हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार इन लोगों ने बिना जमीन, बिना खेती और बिना पात्रता के फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर धान विक्रय किया। इससे यह साफ होता है कि समिति के अंदर कर्मचारी और बाहरी लोग मिलकर पंजीयन के खेल में शामिल हैं। शिकायत में दर्ज आंकड़े चौंकाने वाले हैं। किसान कोड टीएफ 5400720100772, सीएफ 5400720106865 और टीएफ 5400720100727 के जरिए कुल 1010.40 क्विंटल धान कीमती 23 लाख 39 हजार 832 रुपए फर्जी पंजीयन से बेचा गया। धान खरीदी की सरकारी व्यवस्था पर यह सीधा हमला है और यह सवाल उठाता है कि समिति की निगरानी आखिर किसके हाथ में है।
इस मामले को और गंभीर बनाने वाली बात यह है कि यही लोग अब इस सीजन 2025–26 में भी फर्जी पंजीयन कर धान बेचने की तैयारी में हैं, जिससे प्रशासन को फिर भारी नुकसान होने की आशंका है। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से तत्काल जांच कराने, दोषियों पर कार्रवाई करने और समिति की कार्यप्रणाली की विस्तृत छानबीन की मांग की है।
अब सवाल यह है कि इस बड़े फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर मामला कागजों में ही दबाकर दिया जाएगा। धान खरीदी को लेकर यह घोटाला एक बार फिर साबित करता है कि समितियों में भ्रष्टाचार किस हद तक बढ़ चुका है और किस तरह सरकारी खरीद प्रणाली को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीणों में भी रोष है कि असली किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही, लेकिन फर्जी नामों पर धान बेचा जा रहा है। क्या दोषियों पर गिरेगी गाज या धांधली का खेल आगे भी यूं ही चलता रहेगा।
सेवा सहकारी समिति में धांधली, बिना जमीन वाले ‘फर्जी किसान’, कलेक्टर से शिकायत
फर्जी पंजीयन के जरिए सरकारी तंत्र को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप



