रायपुर। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एसआईआर फॉर्म भरने की प्रक्रिया को जटिल बताया है। उन्होंने कहा कि एमए पास होने के बाद भी फॉर्म भरने में मेरे पसीने छूट गए तो अबूझमाड़ में रह रहे लोगों का क्या होगा। सिंहदेव ने कहा कि मैं एमए पास हूं, तथाकथित दुनिया भी देख चुका हूं, फिर भी फॉर्म भरते समय 20 बार सोचना पड़ा कि कहीं गलती न हो जाए। अगर मुझे ऐसा महसूस हुआ तो अबूझमाड़ या किसी दूरस्थ गांव में रहने वाले व्यक्ति का क्या होगा? कांग्रेस ने एसआईआर की समय सीमा 3 महीने बढ़ाने की मांग की है।
टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि घर में बहू आईं। उनका नाम स्वाभाविक है 2003 की सूची में नहीं था। उनकी शादी बाद में हुई। अभी उनकी शादी हुई। उनके माता-पिता का नाम गुना मध्य प्रदेश में हैं। वहां की 2003 की सूची में नाम ढूंढकर फिर फॉर्म में भरना पड़ा। आप दावा कर दो कि हमने इतने प्रतिशत काम कर दिया। लेकिन सही तरीके से करोगे तो आधे से ज्यादा नाम आ ही नहीं सकते। कट जाएंगे। इसमें प्रावधान भी यह है कि फॉर्म ठीक नहीं आए तो रिजेक्ट हो जाएंगे। लेकिन अभी जो प्रक्रिया है, बहुत जटिल है।
कांग्रेस एसआईआर अभियान की निगरानी के लिए प्रदेश कांग्रेस भवन में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। सलाम रिजवी को इसका संयोजक नियुक्त किया गया है। कंट्रोल रूम जिलों से आने वाली शिकायतों, मतदाताओं के नाम काटे जाने और किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई करेगा। कांग्रेस ने सभी जिलों में मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए हैं, जो बूथ लेवल एजेंट और कार्यकर्ताओं को स्ढ्ढक्र प्रक्रिया समझाएंगे। यह भी निर्देश दिया गया है कि बिना कारण किसी मतदाता का नाम न हटने पाए। कांग्रेस ने कहा कि इस समय राज्य में धान खरीदी चल रही है, किसान बेहद व्यस्त हैं। ऐसे में स्ढ्ढक्र की समय सीमा 3 महीने बढ़ाई जानी चाहिए। पार्टी का आरोप है कि स्ढ्ढक्र का इस्तेमाल कांग्रेस के मजबूत बूथों में मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए किया जा रहा है।
सिंहदेव बोले- एसआईआर फॉर्म भरने में पसीने छूट गए
कहा- मैं एमए पास फिर भी 20 बार सोचना पड़ा, 3 महीने बढ़ाया जाए समय



