रायगढ़। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने आज मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित राजस्व विभागीय समीक्षा बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट और कठोर निर्देश देते हुए कहा कि जिले में राजस्व कार्यों की पारदर्शिता और दक्षता सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के प्रत्येक प्रकरण का ई-कोर्ट में अनिवार्य रूप से पंजीयन किया जाए। किसी भी कार्यालय में एक भी प्रकरण ऑफलाइन नहीं रहना चाहिए और यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित तहसीलदार की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में राजस्व विवाद मुक्त ग्राम विकसित किए जाएं तथा इसे एक मॉडल के रूप में आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने अविवादित खाता विभाजन, नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन, त्रुटि सुधार, नजूल प्रकरण और स्वामित्व योजना जैसे लंबित प्रकरणों की समय-सीमा में निराकरण को अनिवार्य बताया। कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में संचालित धान खरीदी कार्यों में राजस्व अधिकारियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के धान उपार्जन केंद्रों की सतत मॉनिटरिंग करें। उन्होंने पड़ोसी राज्यों के मार्गों पर धान के अवैध परिवहन पर कड़ी निगरानी रखने और कोचियों पर सख्ती बरतने को कहा। ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित मुसाफिर रजिस्टर को अद्यतन रखने पर भी विशेष जोर दिया गया। उन्होंने कोटवारों के कार्य की मासिक समीक्षा कर उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि एग्रीस्टैक पोर्टल में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य समय-सीमा में पूर्ण किया जाए, ताकि कोई भी किसान शासन की किसी योजना से वंचित न रह जाए। फौती, वारिसान पंजीयन, भुइया पोर्टल में नाम न दिखना, खसरा त्रुटि जैसी समस्याओं का तत्काल समाधान करने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि इस कार्य में किसी भी स्तर की ढिलाई को गंभीर लापरवाही माना जाएगा। कलेक्टर ने नक्शा बटांकन, सेवा भूमि, लैंड बैंक, न्यायालयीन प्रकरणों, आधार सीडिंग, मोबाइल नंबर एवं जेंडर प्रविष्टि अद्यतन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा कर कहा कि राजस्व अभिलेखों की शुद्धता शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों में कार्यदक्षता बढ़ाएं, उनकी जवाबदेही तय करें तथा जो कर्मचारी बेहतर कार्य कर रहे हों उन्हें सम्मानित कर प्रोत्साहित भी करें। बैठक में उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के प्रत्येक प्रकरण का ई-कोर्ट में अनिवार्य रूप से पंजीयन किया जाए, ताकि प्रकरणों की ऑनलाइन निगरानी और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी कार्यालय में कोई भी प्रकरण ऑफलाइन नहीं रहना चाहिए, यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित तहसीलदार की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर अपूर्व प्रियेश टोप्पो, श्री रवि राही, डॉ.प्रियंका वर्मा सहित जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
हाथियों की गतिविधियों पर रखें नजर
कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने धरमजयगढ़ क्षेत्र में हाथियों की मूवमेंट पर निरंतर निगरानी रखने और राजस्व एवं वन विभाग के समन्वय से राहत एवं बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर और आसपास के क्षेत्रों के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज बड़े एवं छोटे पेड़ों के जंगलों की सर्वे कर वन विभाग को खसरा-वार सूची उपलब्ध कराई जाए। वन विभाग को निर्देशित किया गया कि वह भौतिक सत्यापन कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
अदालत प्रकरणों में प्रगति लाने के सख्त निर्देश
कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने समीक्षा बैठक में नक्शा बटांकन कार्य की विस्तृत समीक्षा करते हुए तहसील कापू, खरसिया, घरघोड़ा, छाल, तमनार, धरमजयगढ़, पुसौर, मुकडेगा, रायगढ़ और लैलूंगा के अधिकारियों को 15 दिनों की समय-सीमा में प्रगति लाने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने मिसल से खसरा मिलान की प्रविष्टि में तेजी लाने के निर्देश दिए। अतिरिक्त कलेक्टर न्यायालय एवं राजस्व अनुविभागीय न्यायालयों में लंबित मामलों की समीक्षा कर शीघ्र प्रगति लाने को कहा। भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों पर भी सख्त रुख अपनाते हुए शीघ्र निष्पादन के निर्देश दिए।
मुसाफिर रजिस्टर अद्यतन रखने के कलेक्टर ने दिए निर्देश
राजस्व विवाद मुक्त ग्राम, धान उपार्जन केंद्रों की सतत निगरानी और फार्मर रजिस्ट्री शीघ्र पूर्ण करने के सख्त निर्देश, नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन, नक्शा बटांकन और भू-अर्जन प्रकरणों में समयबद्ध प्रगति पर जोर



