रायगढ़। विजयादशमी पर्व के अवसर पर शहर में तीन स्थानों पर पारंपरिक रूप से रावण दहन का कार्यक्रम किया गया। जिससे देर शाम तक शहरी में गहमा-गहमी की स्थिति बनी रही, इस दौरान शहर के सभी मार्ग करीब घंटाभर के लिए पूरी तरह से जाम हो गया था, जिसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस की भी तैनाती की गई थी।
गौरतलब हो कि शहर के चार समितियों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम रखा गया था। जिससे अलग-अलग समय में तीनों जगह रावण के प्रतिमा का दहन किया गया। ऐसे में शहर के रामलीला मैदान में नवरात्र शुरू होने के बाद से ही यहां रामलीला का मंचन हो रहा था, जो मंगलवार को दसवें दिन दशहरा पर्व पर रावण दहन के बाद समाप्त हुआ। वहीं अन्य सालों की तरह इस साल भी शहर के अलग-अलग चार स्थान रामलीला मैदान, नटवर स्कूल मैदान व मिनी स्टेडियम चक्रधर नगर व रामभाठा मैदान में रावण का प्रतिमा तैयार किया गया था। जहां शाम होते ही आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया था, जो देर रात तक चलता रहा। इस बीच आयोजन समिति द्वारा आयोजित किए गए रामलीला में राम-रावण युद्ध के बाद रावण का दहन किया गया। वहीं बताया जा रहा है कि रायगढ़ के रामलीला मैदान में परंपरा के अनुसार पिछले पांच दशक से भी अधिक समय से रामलीला का मंचन होता आ रहा है। इस कारण अब इस खेल मैदान का नामकरण ही रामलीला मैदान के नाम पर हो चुका है। जिससे जिले भर के लोग यही नाम से पुकारते हैं। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा नवरात्रि के पूरे दस दिन रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन किया किया गया था, जिससे नवरात्र शुरू होने के बाद हर दिन यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच कर रामलीला का आनंद उठा रहे थे।
वहीं इस संबंध में सार्वजनिक रामलीला समिति के अध्यक्ष दीपक पांडेय ने बताया कि शाम पांच बजे रामलीला मैदान से रामजी की सवारी निकली थी जो शहर के चौक-चौराहे होते हुए रामलीला मैदान पहुंची, जहां राम-रावण युद्ध के बाद रात करीब 10 बजे असत्य पर सत्य के जीत का प्रतीक रावण के पुतले को दहन किया गया। वहीं चक्रधरनगर दशहरा समिति के संरक्षक पंकज कंकरवाल ने बताया कि मिनी स्टेडियम में शाम करीब 6 बजे कार्यक्रम शुरू हो गया था, जो देर शाम करीब 8 बजे रावण दहन किया गया। इसके साथ ही नटवर स्कूल में बने 51 फीट ऊंचाी रावण के पुतले का दहन 8.30 बजे किया गया। वहीं रामभाठा मैदान में करीब 9 बजे रावण दहन किया गया।
हजारों की संख्या में पहुंचे थे लोग
उल्लेखनीय है कि दशहरा व रावण दहन देखने के लिए शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। जिससे अंदाजा लगाया गया था कि करीब 40 से 50 हजार की संख्या में लोग होंगे। इस दौरान आयोजन समिति द्वारा नेताओं को आमंत्रित किया गया था, जिससे दोनों ही प्रमुख दलों के नेता आयोजन में शामिल हुए थे।
शहर के सभी सडकें हो गई थी जाम
गौरतलब हो कि मंगलवार को शाम को अचानक मौसम में बदलाव हो गया था, जिससे बुंदा-बंादी वर्षा भी हुई, लेकिन इसके बाद भी रावण दहन आयोजन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। जिससे तीनों जगह रावण दहन का अलग-अलग समय होने के कारण लोग इस स्थल से उस स्थल की ओर भागते नजर आए, जिससे घंटों शहर की सडक़ों में जाम की स्थिति बनी रही।
पुलिस की रही तैनाती
इस दौरान लोगों की भीड़ को देखते हुए शहर के चौक-चौराहों सहित कार्यक्रम स्थल में भी पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, लेकिन लोगों की अधिक भीड़ होने के कारण जाम खुलवाने में पुलिस की भी पसीने छुट गए थे, ऐसे में कई जगह मार्ग को वनवे भी बनाया गया था, लेकिन इसके बाद भी कुछ खास राहत नहीं मिली थी।