जशपुरनगर। महिलाओं के द्वारा तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जिले के कुनकुरी विकास खंड के मयाली नेचर कैम्प में 6 से 9 नवम्बर तक चार दिवसीय संभाग स्तरीय सरस मेला दृ 2025 का आयोजन किया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने सरस मेला का शुभारंभ किया इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार जनपद सीईओ कुनकुरी प्रमोद सिंह डिप्टी कलेक्टर समीर बड़ा जनप्रतिनिधिगण और स्व सहायता समूह की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा जशपुर जिला तेजी से विकास के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। जिला प्रशासन द्वारा लोगों को मनोरंजन उपलब्ध कराने के लिए जशपुर जम्बुरी और संभाग स्तरीय सरस मेला का आयोजन सराहनीय है। इससे लोगों को आनंद तो आ ही रहा है साथ ही स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा की हमारे जशपुर को भी लोग पहचाने लगे हैं। पर्यटन के क्षेत्र में जशपुर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अन्य राज्यों और जिलों से लोग घुमने फिरने जशपुर आ रहें हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जशपुर की दीदीयां महुआ से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही है जैसे महुआ का लड्डू महुआ कुकीज,इसके साथ ही रागी से भी समूह की दीदीयों द्वारा उत्पाद तैयार किया जा रहा है। जिसकी मांग अन्य राज्यों में जबरदस्त बनी हुई है। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने भी स्व सहायता समूह की दिदियों का उत्साह वर्धन किया और तैयार सामग्री की प्रशंसा की उन्होंने कहा सरस मेला के माध्यम से स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होने का अवसर मिल रहा है। इसके लिए बिहान की सभी दीदीओं को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता की अनूठी झलक देखने को मिल रही है। जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार ने कहा कि विकासखण्ड कुनकुरी के ग्राम मयाली में 06 से 09 नवम्बर तक आयोजित इस मेले में सरगुजा संभाग के सभी जिलों जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर से आई स्व-सहायता समूह की महिलाएँ अपने हुनर और मेहनत का प्रदर्शन कर रही हैं। मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना, पारंपरिक ज्ञान और कौशल को पहचान दिलाना तथा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यहाँ 15 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, वनोपज आधारित वस्तुएँ, बांस उत्पाद, मिलेट आइटम, वस्त्र निर्माण, मसाले और आचार-पापड़ जैसे अनेक घरेलू उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की जा रही है। मेला स्थल पर स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है और उपभोक्ता महिलाओं के परिश्रम की प्रशंसा कर रहे हैं। सरस मेला में हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर, जीरा फुल, चावल, दाल, बाजरा, गेहूँ आटा और बेसन की बिक्री कर रही हैं। बलरामपुर जिले के शांति स्व-सहायता समूह की नीतू मंडल ने बताया कि उनके समूह की महिलाएँ वस्त्र निर्माण का कार्य करती हैं, जिससे समूह को 60 से 70 हजार रुपये की आमदनी होती है। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की ईशा रजक, सिद्धबाबा महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) ग्राम नागपुर सेमरा से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि जीरा फुल चावल, आचार, दाल और पापड़ की बिक्री से वे अब लखपति महिला उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं। जशपुर कांसाबेल की रानी मुस्कान स्व-सहायता समूह जीराफुल राइस, बांस टोकरी, सजावटी सामान, माला, ईयरिंग, पापड़ और आचार की बिक्री कर रही हैं। फरसाबहार खुटगांव की माधुरी निकुंज (निकुंज महिला समूह) हल्दी-मिर्च मसाला का विक्रय कर रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय ने सरस मेला का किया शुभारंभ
स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बनी हुई मांग



