रायगढ़। नवरात्रि की नवमीं तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं। यह मां दुर्गा का नौंवा रूप हैं। पुराणों के अनुसार कमल पर विराजमान चार भुजाओं वाली माता सिद्धिदात्री लाल साड़ी में विराजित हैं। इनके चारों हाथों में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमल रहता है। सिर पर ऊंचा सा मुकूट और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है। इस दिन भी कई भक्त अपने घरों में कुंजिकाओं को बिठाते हैं और उन्हें भोजन कराते हैं।
हवन यज्ञ से महका शहर
सुबह वैदिक ढंग से पूजा अर्चना करने के बाद नौवें दिन श्रद्धालुओं ने अपनी मनोरथ पूरी करने के लिए जगह – जगह हवन यज्ञ व महाआरती की गई जिसमें शहर के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद नौ कुंवारी कन्याओं को बड़ी श्रद्धा से जिमाया गया।
यह हैं माता सिद्धि दात्री
पं निरंजन दुबे ने बताया कि पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने माता सिद्धिदात्री की कृपा से ही आठ सिद्धियों को प्राप्त किया था। इन सिद्धियों में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व शामिल हैं। इन्हीं माता की वजह से भगवान शिव को अर्द्धनारीश्वर नाम मिला, क्योंकि सिद्धिदात्री के कारण ही शिव जी का आधा शरीर देवी का बना। हिमाचल का नंदा पर्वत इनका प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि जिस प्रकार इस देवी की कृपा से भगवान शिव को आठ सिद्धियों की प्राप्ति हुई ठीक उसी तरह इनकी उपासना करने से अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है। पावन शारदेय क्वांर नवरात्रि पर्व की आज महानवमीं पर्व की खुशियां शहर में देखते ही बनी। सभी माता के मंदिरों में जगतजननी माता भवानी के नौवें रुप सिद्ध दात्री की आराधना पूजा वैदिक ढंग से किए व नौ कुंवारी कन्याओं को जमाने के बाद माता के सभी पवित्र स्थानों में हवन यज्ञ व महाआरती का आयोजन किया गया व रात में भजन कीर्तन व रास गरबा नृत्य की धूम रही और समूचा अंचल माता के जयकारे से गुंजित हो गया।
सुबह हुई पूजा-अर्चना
महानवमीं पर्व के नौवें दिन माता सिद्धि दात्री की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भक्तों ने पूजा अर्चना की गई व सुबह से शहर के बूढ़ी माई, समलाई मां, माता महाकाली, गायत्री मंदिर, केवड़ा बाड़ी, मिलनी क्लब, चक्रधर नगर, पहाड़ मंदिर, अनाथालय दुर्गा मंदिर, केलो विहार सहित अनेक देवी माता के मंदिरों में सुबह से रात तक भक्तगण दर्शन पूजन करने पहुंचे । इसी तरह सभी मनभावन पंडालों में देर रात श्रद्धालुगण दर्शन करते नजर आए। वहीं देर रात तक गरबा डांडिया का आनंद लोगों ने लिया।
महाभंडारा का आयोजन
शहर के सभी मंदिरों, घरों में व मनभावन पंडालों में नौ कुंवारी कन्याओं को जिमाने के बाद महानवमीं के व्रत पूजा के संकल्प को प्रसाद पाने के बाद भक्तों ने पूरा किया। वहीं इसके पश्चात शहर के अनेक स्थानों में महाभंडारा का आयोजन किया गया। जहाँ हजारों भक्तगण प्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बने।
रास गरबा व भजन कीर्तन संग थिरके श्रद्धालु
सुबह से रात तक माता भवानी की आराधना पूजा करने के बाद श्रद्धालुओं ने रात में रास गरबा व भजन कीर्तन का आयोजन किया व देर रात तक मनभावन रास गरबा नृत्य व भजन कीर्तन के साथ श्रद्धालुगण भावविभोर होकर झूमें।
आज विजयादशमी पर्व
नौ दिनों तक पावन शारदेय क्वांर नवरात्रि पर्व मनाने के बाद आज दशमी तिथि को विजयादशमी पर्व मनाया जाता है। जिसे शहरवासी प्रारंभ से मनाते आ रहे हैं। शहर के रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। जिसका शहरवासी देर रात तक आनंद ले रहे हैं। वहीं आज विजयादशमी पर्व की खुशी में शहर के कई स्थानों में रावण दहन होगा और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा को यादगार ढंग से मनाने की तैयारी में शहरवासी जुटे हैं।
महानवमीं पूजा की सर्वत्र रही धूम, जगतजननी की महाआरती
जगह-जगह हुआ हवन यज्ञ व महाभंडारा
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