रायपुर। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीमों ने बुधवार को 14 जगहों पर छापेमारी की है। रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग और धमतरी में कार्रवाई की है। रायपुर में पचपेड़ी नाका स्थित वॉलफोर्ट इन्क्लेव में अशोक और अमित कोठारी के घर टीम ने रेड की है। इनका कारोबार कृषि कच्चा माल, खाद्य पदार्थ से जुड़ा है। राजनांदगांव में 3 कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा गया है। राधाकृष्ण अग्रवाल के यहां दबिश दी गई है। इनका कोल माइंस का कारोबार है। वहीं ललित भंसाली, जो टेंट कारोबार से जुड़े हैं, सरकारी स्कूलों के सामान का सप्लायर है। यश नाहटा भी सप्लायर हैं और कंप्यूटर, टीवी सहित अन्य सामान की सप्लाई करते हैं।
दुर्ग में महावीर नगर स्थित कारोबारी नीलेश पारख के यहां जांच की गई, जबकि धमतरी के सिर्री में 5 घंटे की कार्रवाई के बाद टीम लौट गई है। यहां ईओडब्ल्यू की टीम सुबह 7 बजे ठेकेदार अभिषेक त्रिपाठी के घर दबिश थी। डीएमएफ घोटाले से जुड़ी जांच के तहत कार्रवाई की गई। टीमें फिलहाल शासकीय सप्लाई से जुड़े दस्तावेजों और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि डीएमएफ घोटाला में पहले भी कई बड़े अधिकारी जेल जा चुके हैं। हालांकि, अब तक अधिकारियों की ओर से किसी भी कार्रवाई को लेकर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
डिजिटल सबूत, बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज जब्त
डीएमएफ घोटाले से जुड़े मामले में राज्य के 14 जगहों पर छापेमारी हुई है। इनमें रायपुर में 6, दुर्ग-भिलाई में 2, राजनांदगांव में 5 और धमतरी में 1 स्थान शामिल हैं। छापेमारी के दौरान डिजिटल सबूत, बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज, चल-अचल संपत्ति के कागजात और कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में यह संकेत मिल रहा है कि डीएमएफ से जुड़े कामों के लिए राज्य के अलग-अलग जिलों के सरकारी कर्मचारियों को कमीशन देकर काम लिए गए हो सकते हैं। साथ ही फर्जी बिल, वाउचर और जीएसटी रिटर्न से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। सभी सबूतों की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
25 से 40 प्रतिशत का कमीशन
ईडी की जांच से पता चला कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को भारी मात्रा में कमीशन का भुगतान किया है, जो कि कांट्रैक्ट का 25प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक था। रिश्वत के लिए दी गई रकम की एंट्री विक्रेताओं ने आवासीय (अकोमोडेशन) के रूप में की थी। एंट्री करने वाले और उनके संरक्षकों की तलाशी में कई आपत्तिजनक विवरण, कई फर्जी स्वामित्व इकाई और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। तलाशी अभियान के दौरान 76.50 लाख कैश बरामद किया गया। वहीं 8 बैंक खाते सीज किए। इनमें 35 लाख रुपए हैं। इसके अलावा फर्जी डमी फर्मों से संबंधित विभिन्न स्टाम्प, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं।
कारोबारियों के घर व ठिकानों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की रेड
रायपुर-दुर्ग, धमतरी, राजनांदगांव में 14 जगह दबिश, डीएमएफ घोटाले में कार्रवाई, दस्तावेज ले गई टीम



