खरसिया। शहर में इन दिनों कबाड़ का धंधा खुलेआम चल रहा है और प्रशासनिक व्यवस्था मानो आंख मूंदे बैठी है। खरसिया नगर में कबाड़ के कारोबारियों का इतना बोलबाला हो गया है कि अब उन्हें न पुलिस का डर है, न प्रशासन का। शहर के मुख्य मार्गों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी कबाड़ की दुकानें बिना किसी रोक-टोक के संचालित हो रही हैं।जानकारी के अनुसार, राठौर चौक से रायगढ़ चौक तक दो बड़ी कबाड़ की दुकानें और टी.आई.टी. कॉलोनी के मार्ग पर दो अन्य दुकानें पूरी तरह सक्रिय हैं। इन दुकानों पर दिन-रात खरीदी-बिक्री जारी रहती है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये कबाड़ व्यापारी किसी भी तरह का सामान खरीद लेते हैं चाहे वह चोरी का ही क्यों न हो। यही कारण है कि क्षेत्र में चोरी की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कबाड़ का यह धंधा अब संगठित रूप ले चुका है। गांव-गांव में सुबह-सुबह कबाड़ी घूमते नजर आते हैं जो हर प्रकार का सामान खरीद लेते हैं पुराने लोहे के टुकड़ों से लेकर बिजली के तार, साइकिल के पार्ट्स, पाइप, मशीनें, और यहां तक कि सरकारी संपत्ति तक सरकारी बोर पंप के केवल वायर निर्माणाधीन मकानों की छड़ आदि सामान की चोरी में बेतहाशा वृद्धि हो गई है ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इन कबाड़ी कारोबारियों को इतनी छूट कौन दे रहा है?
चोरी की वारदातों से बढ़ी परेशानी
पिछले कुछ महीनों में खरसिया और उसके आसपास के गांवों में चोरी की घटनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। घरों से बिजली के तार, पाइप, मोटर, ऑटो के पार्ट्स और लोहे के सामान गायब हो रहे हैं। आमजन का कहना है कि चोरी के बाद यह सारा सामान इन्हीं कबाड़ की दुकानों में पहुंचता है, जहां बिना पूछताछ खरीदी की जाती है। प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग स्थानीय सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से मांग की है कि शहर में चल रहे इन कबाड़ व्यवसायों की गहन जांच की जाए। जिन दुकानों के पास वैध लाइसेंस नहीं है, उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी दुकान चोरी के माल की खरीद-फरोख्त न करे। खरसिया जैसे शांत और विकसित हो रहे शहर में यदि ऐसे अवैध कारोबार को रोका नहीं गया तो आने वाले समय में अपराध और बढ़ सकते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस गोरखधंधे पर लगाम लगाए ताकि शहर में कानून-व्यवस्था बनी रहे और आम नागरिक सुरक्षित महसूस करें।
क्या पुलिस प्रशासन की मिलीभगत है?
शहरवासियों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। लोग यह भी कह रहे हैं कि शायद कुछ प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण इन कबाड़ कारोबारियों को प्राप्त है। इसीलिए वे बिना डर-भय के खुलेआम व्यापार कर रहे हैं।
खरसिया में खुलेआम फल-फूल रहा कबाड़ का गोरखधंधा
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल



