बेमेतरा। डीएमएफ फंड के अभाव में 7 शिक्षक और 4 आया को विभाग द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया गया। आज रविवार छुट्टी का दिन होने के बावजूद, ऑफिस बुलाकर उन्हें नोटिस थमाया गया और कहा गया कि अब उनकी जरूरत नहीं है। ये शिक्षक पिछले 3 वर्षों से पढ़ा रहे थे। अचानक लिए गए इस फैसले से परिवारजन गुस्से में हैं और शिक्षक परेशान हैं।
पूरा मामला बेमेतरा जिला के अंतर्गत स्वामी आत्मानंद स्कूलों का है, जहां प्री-प्राइमरी कक्षा को पढऩे वाले शिक्षकों और स्कूल की देखभाल करने वाली आया को ष्ठरूस्न फंड में पैसा नहीं होना बताकर यह निर्णय लिया गया है और उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया है। प्रभावी शिक्षकों का कहना है कि हमें सात-आठ माह से सैलरी नहीं मिली है। बार-बार मांगने के बावजूद हमें सिर्फ आश्वासन मिला है और अभी हमें नौकरी से निकाल देने के बावजूद यह नहीं बताया जा रहा है कि सैलरी कब मिलेगी। हमें धोखे में रखा गया और हमारे साथ अन्याय हुआ है। हमें इतने दिन के वेतन न मिलने के बावजूद भी ईमानदारी के साथ हम स्कूल में आते रहे और पढ़ाते रहे हैं। इन्हें निकाले जाने के बाद बेमेतरा जिला के अंतर्गत बेरला, नवागढ़, देवकर और बेमेतरा में 350 बच्चे प्रभावित होंगे, जिनके लिए कोई टीचर नहीं है। इसका सीधा प्रभाव उनकी शिक्षा पर पड़ेगा। वहीं इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी जीआर घृत लहरे का कहना है कि ये लोग नियमित नहीं थे और बाकी शिक्षकों की व्यवस्था कर ली जाएगी।
डीएमएफ के अभाव से 7 शिक्षक और 4 आया बर्खास्त, छुट्टी के दिन बुलाकर थमाया नोटिस
शिक्षकों ने 8 महीने से सैलरी नहीं मिलने का लगाया आरोप



