रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन को अधिक सक्रिय और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। पार्टी अब जिलाध्यक्षों की नियुक्ति छह-छह महीने के परीक्षण कार्यकाल पर करने की तैयारी में है। छह महीने बाद उनके कामकाज का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें संगठनात्मक प्रदर्शन, जनसंपर्क, सदस्यता अभियान और स्थानीय मुद्दों पर सक्रियता को आधार बनाया जाएगा। जिन जिलाध्यक्षों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहेगा, उन्हें बदला जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में इस बार बड़े बदलाव की तैयारी है। पार्टी के 41 जिलाध्यक्षों में से 5 पदाधिकारियों को दोबारा मौका मिल सकता है। ये वही नेता हैं, जिनकी नियुक्ति करीब छह महीने पहले की गई थी। हालांकि, उस समय कुल 11 जिलाध्यक्ष बनाए गए थे, लेकिन कुछ जिलों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहने के कारण उनमें फेरबदल की संभावना है। वहीं, बाकी 33 जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। संगठन को मजबूत और सक्रिय बनाने के लिए कांग्रेस इस बार ‘परफॉर्मेंस बेस्ड सिस्टम’ अपना रही है, जिसके तहत हर छह महीने में जिलाध्यक्षों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान को लेकर गुरुवार (23 अक्टूबर) को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, टी.एस. सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित कई सीनियर नेता मौजूद रहे। पहले चरण की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के साथ वन टू वन चर्चा की गई। आज प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के साथ भी बैठक होगी। बैठकों के दौर के बाद फाइनल बैठक राहुल गांधी के साथ होगी, जिसमें केसी वेणुगोपाल और सचिन पायलट भी मौजूद होंगे। इसके बाद ही जिलाध्यक्षों की फाइनल लिस्ट तैयार की जाएगी, हालांकि इस बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है, माना जा रहा है कि अगले 10 दिनों में बैठक हो सकती है। गुरुवार को हुई बैठक में जिलेवार रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। एआईसीसी नेताओं ने छत्तीसगढ़ के नेताओं से वन-टू-वन बातचीत कर यह फीडबैक लिया कि किन जिलों में नए चेहरे लाए जाएं और किन जिलाध्यक्षों को फिर मौका दिया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, इस बार संगठन में युवाओं और महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। कांग्रेस इस बार पुराने ढर्रे से हटकर संगठन को ‘परफॉर्मेंस बेस्ड स्ट्रक्चर’ में बदलने की दिशा में काम कर रही है। जो पदाधिकारी बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें प्रदेश पदों या चुनावी जिम्मेदारियों में प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं निष्क्रिय नेताओं को हटाकर नए और सक्रिय चेहरों को मौका दिया जाएगा।
6-6 महीने के लिए हो सकती है कांग्रेस-जिलाध्यक्षों की नियुक्ति
36 नए चेहरे, 5 पुराने रिपीट हो सकते हैं, हटाए जाएंगे कमजोर प्रदर्शन वाले



