रायगढ़। शारदीय नवरात्र के सातवें दिन शनिवार को शहर में बने आर्कषक पंडालों में मंत्रोच्चारण के साथ मां जगतजननी को विराजमान किया गया, इस दौरान सुबह से ही शहर में पूजा-अर्चना का दौर चलते रहा, जिससे चारों तरफ माता के जयकारे लगते रहे, इसके साथ ही देवी मंदिरों में भी माता के सातवां रूप कालरात्री की पूरी विधि-विधान से अराधना की गई है। वहीं कई देवी मंदिरों में नीशा पूजन का आयोजन किया गया था जो रात 12 बजे से लेकर 1.30 बजे तक चला।
उल्लेखनीय है कि शक्ति की भक्ति का महापर्व नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू हो गया है, जिससे शहर में दर्जनभर से अधिक स्थानों मां दुर्गा को विराजमान किया किया गया है। आलम यह है कि शाम होते ही पूरा शहर दुधिया रौशनी से नहा रहा है। इसके साथ ही नयनाभिराम आकृति के स्वरुप से हर समिति के पदाधिकारी पंडाल का निर्माण किया है। जिसमें कारीगरों द्वारा बेमिशाल तरीके अपने कारीगिरी को ऊकेरे हैं। ऐसे में शनिवार सुबह से ही शहर के सभी पंडालों में माता को विराजमान करने के लिए वैदिक मंत्रोच्चारण शुरू हुआ था, जो देर शाम तक चला, इसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए माता का मुख खोला गया। इस बार शहर के एक से बढकऱ एक दुर्गा पंडाल तैयार कर माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया है। जो लोगों को खुब पसंद आ रहा है। ऐसे में शनिवार देर शाम से ही पंडालों में विराजी माता जगतजननी के दर्शन के लिए भक्त की भीड़ उमडऩे लगी थी, जो रात करीब 10 बजे तक चलता रहा। इस दौरान शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
देवी मंदिरों में लगा रहा भक्तों का तांता
गौरतलब हो कि शनिवार को नवरात्र के सातवें दिन होने के कारण सुबह से ही देवी मंदिरों में माता कालरात्री की पूजा की गई। इस दौरान शहर के बुढ़ी माई मंदिर, सतीमाई मंदिर, केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड स्थित दुर्गा मंदिर, अनाथालय स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तों की देर शाम तक जमावड़ा लगा रहा। वहीं शाम के समय माता के आरती में भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए थे।
शक्तिपीठ आश्रम में हुआ निशा पूजन
इस संंबंध में भगवानपुर दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित राजकुमार चौबे ने बताया कि सप्तमी पर्व पर कालरात्री की निशा पूजन किया गया। इस दौरान शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात करीब 12 बजे से मां काली की अराधना शुरू हुआ जो देर रात करीब डेढ़ बजे तक चलता रहा, इस दौरान निशा पूजन में भी आसपास के बड़ी संख्या में देवी भक्त पहुंचे हुए थे।
आज होगी महागौरी पूजन
रविवार को सुबह महागौरी की पूजा की जाएगी, जिसकी सभी तैयारियां पहले से ही कर ली गई है। वहीं मान्यता है कि पति रूप में शिव को प्राप्त करने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इसी कारण से इनका शरीर काला पड़ गया, लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया। जिससे उनका रूप गौर वर्ण का हो गया। इसीलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है। महागौरी अमोघ फलदायिनी हैं और इनकी पूजा से भक्तों के तमाम कलेश धुल जाते हैं। पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। महागौरी का पूजन-अर्चन, उपासना-आराधना कल्याणकारी है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं। इसी मान्यता को लेकर महागौरी की पूजन किया जाता है।
पंडालों में उमड़ रहे श्रद्धालु
वहीं आज सप्तमी के दिन से रायगढ़ शहर के ढिमरापुर, रामभांठा, बजरंगपारा, हंडी चौक, सत्तीगुडी चौक, दशरथ पान ठेला, दरोगापारा, कालीबाडी, स्टेशन चौक, जूटमिल, संजीवनी परिसर, चक्रधर नगर चौक, अंबेडकर चौक, बोईरदादर चौक, आईटीआई कालोनी, बंगाली कालोनी काली मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, चांदमारी, केवडाबाडी बस स्टैण्ड के अलावा शहर के अलग अलग मोहल्लों में आकर्षक पंडालों में मां दुर्गा विराजमान हो गई है। इसके अलावा विद्युत झालरों की रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठा है। शहर के दुर्गा पंडालों और देवी मंदिरों की सजावट देखते ही बन रही है। इन भव्य पंडालों में भी लोग नयनाभिराम दृश्य को देखने के लिए उमड़ रहे हैं।