रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चल रहा संगठन सृजन अभियान अब अंतिम चरण में है। राज्य के लगभग 80 प्रतिशत जिलों में चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दीपावली तक यह काम पूरा हो जाएगा। प्रदेश में 41 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए 17 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। ये सभी पर्यवेक्षक अपने-अपने जिलों के लिए 6-6 नामों का पैनल तैयार करेंगे। जिसे कांग्रेस हाईकमान को भेजा जाएगा। पैनल की समीक्षा के बाद अंतिम सूची तय होगी। इन सबके बीच रायपुर जिला में अध्यक्ष नियुक्ति को लेकर ओबीसी समुदाय से आने वाले नेता लामबंद हुए है। पर्यवेक्षकों से चर्चा के दौरान ओबीसी नेताओं ने रायपुर जिले में ओबीसी समुदाय से आने वाले नेता को चुनने के लिए कहा है। पर्यवेक्षकों ने चर्चा के दौरान यादव और साहू समुदाय से आने वाले नेताओं सेअपील की है। रायपुर जिले में अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए तीन महिला समेत 30 नेताओं ने दावेदारी की है। इन दावेदारों में ओबीसी, सामान्य, आदिवासी समुदाय से आने वाले नेता है। दावेदारी करने वाले मुस्लिम नेता की एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने पर्यवेक्षकों के सामने विरोध किया है।
संगठन सृजन अभियान को लेकर कांग्रेस में आज दो महत्वपूर्ण बैठकें हुईं। पहली बैठक ऑनलाइन थी, जिसमें एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पीसीसी चीफ दीपक बैज और सभी पर्यवेक्षक शामिल हुए। इसमें प्रदेशभर में चल रहे संगठन सृजन अभियान की समीक्षा की गई। दूसरी बैठक में रायपुर शहर के दावेदारों के साथ पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गडाधे ने सीधी चर्चा की। उन्होंने दोपहर तक अलग-अलग दावेदारों से मुलाकात कर उनकी पृष्ठभूमि, पार्टी में अब तक निभाई गई भूमिका और आपराधिक रिकॉर्ड जैसे विषयों पर जानकारी ली। एक दिन पहले वे रायपुर ग्रामीण के दावेदारों और अन्य संगठनों से जुड़े लोगों से भी मिल चुके हैं। सप्तगिरि उल्का, अजय कुमार लल्लू, सुबोध कांत सहाय, उमंग सिंगार, आरसी खूंटियां, राजेश ठाकुर, विवेक बंसल, नितिन राउत, श्याम कुमार बर्वे, प्रफुल्ल गडाधे, चरण सिंह सप्रे, विकास ठाकरे, हिना कावरे, रीता चौधरी, रिहाना रियाज चिश्ती, अजमतउल्लाह हुसैनी और सीताराम लांबा। एआईसीसी की तरफ से नियुक्त सभी पर्यवेक्षक फील्ड विजिट, इंटरव्यू और मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इनमें दावेदारों की मजबूती, जनाधार, संगठनात्मक अनुभव और विवादों का लेखा-जोखा शामिल होगा। अंतिम फैसला हाईकमान की सहमति के बाद ही लिया जाएगा।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने ओबीसी नेता दिखा रहा दम
राजधानी सहित 80 प्रतिशत जिलों में दावेदारों से पर्वेक्षकों ने की चर्चा
