रायपुर। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव 7 दिन और जेल में रहेंगे। मंगलवार को पेशी के बाद कोर्ट ने 3 सितंबर तक उनकी रिमांड बढ़ा दी है। बलौदाबाजार हिंसा मामले में 17 अगस्त को भिलाई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि उनके वकील ने जल्द केस डायरी पेश करने की मांग की है। मंगलवार को उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई। 17 अगस्त गिरफ्तारी के बाद से ही वे जेल में हैं। कोर्ट ने 17 अगस्त से 3 दिन तक और फिर 20 अगस्त से 7 दिन की रिमांड बढ़ा दी थी। अब फिर देवेंद्र यादव की पेशी 3 सितंबर को होगी।
पुलिस प्रशासन को 90 दिन के भीतर ही चालान पेश करना है। देवेंद्र के वकील का कहना है कि पुलिस की ओर से अब तक उन्हें स्नढ्ढक्र की कॉपी नहीं मिली है। इसलिए जरूरी है कि पुलिस जल्द से जल्द कोर्ट में चालान पेश करे। इस बार भी पेशी में वकील ने यही मांग कोर्ट में भी रखी। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने दुर्ग-भिलाई का रीजनल पेपर और रोजाना वकील से मुलाकात/वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मांग की थी। इसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था। बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है। विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर लोगों को भडक़ाने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। कलेक्ट्रेट आगजनी मामले में पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी। देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित रूरूस् मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था। देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।
15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए। 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोडफ़ोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे। इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाडिय़ां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई। प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।
बलौदाबाजार हिंसा : 7 दिन और जेल में रहेंगे विधा. देवेंद्र यादव
कोर्ट ने 3 सितंबर तक बढ़ाई रिमांड, 17 अगस्त को भिलाई से हुई थी गिरफ्तारी
