रायगढ़। प्रदेश के मानचित्र में घरघोडा नगर पंचायत प्रशासनिक अधिकारी- कर्मचारी की अजब- गजब कार्यप्रणाली से सुर्खियों में लंबे समय से बना है। बेलगाम कार्यप्रणाली से जनता गाढ़ी मेहनत की कमाई भ्रष्टाचार कर राशियों का बंदरबांट किए जाने से विकास की गति में विराम लगने लगा है। ताजा तरीन मामला वार्ड क्रमांक 5 में से नव निर्मित सडक़ में सामने आया है। गुणवत्ताहीन सडक़ को तोडऩे के आदेश के बावजूद ठेकेदार अधिकारियों के संरक्षण में भुगतान की मांग किया गया है। ऐसे में वार्ड वासी इससे गहरी नाराजगी जताते हुए आंदोलन की राह में है।
दरअसल नगर पंचायत ने वार्ड नंबर 5 राजू साहू के घर से बाबूलाल साहू के घर तक 6.40 लाख रुपये की लागत से सडक़ निर्माण की निविदा निकाली गई, लेकिन ठेकेदार ने घटिया निर्माण किया गया, सीमेंट की परत उधड़ते हुए धूल के गुब्बार ने जनता को परेशानी में डाल दिया। जिससे जनता का मिजाज उखड़ गया, काफी विवाद और भ्रष्टाचार पर आवाज बुलंद किए। शिकायतों के बाद नगर पंचायत सीएमओ ने सडक़ की गुणवत्ता जांच के आदेश दिए। जांच में इंजीनियर ने अपने प्रतिवेदन में सडक़ की गुणवत्ता खराब पाए जाने की पुष्टि की। प्रतिवेदन के आधार पर सीएमओ ने तत्काल सडक़ तोडऩे के निर्देश जारी किए, लेकिन आज तक सडक़ नहीं तोड़ी गई है। एक तरफ भ्रष्टाचार से बनी सडक़ ओर दूसरी ओर तोड़े जाने के आदेश के बीच भुगतान की मांग ठेकेदार ने। पत्र जारी कर किया गया हैं। इन परिस्थितियों में घरघोडा पंचायत से लेकर नगर में इसकी चर्चा होने लगी है, लोगो मे रसूख और भ्रष्टाचार पर चटकारे लेते हुए तंज कस रहे है। राजनीतिक गलियारों में भी यह मुद्दा छाया हुआ है। बहरहाल जिस संरक्षण से सडक़ का निर्माण घटिया किया गया है और अब भुगतान की मांग की जा रही है, इससे कही न कही ठेकेदार को लाभ पहुचाने की कोशिश में पंचायत के अधिकारियों कर रहे है, यह स्पष्ट होने लगा है। भ्रष्टाचार की इस खुली गाथा से वार्डवासी आक्रोशित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
उड़ते धूल से सताने लगी श्वास रोग की चिंता
वार्ड के लोगो ने चर्चा में बताए कि सडक़ की गुणवत्ता खराब होने से उसकी परत उधड़ रही है, इससे धूल के कण के स्वरूप उड़ रहे है।उड़ती धूल से लोग खांसी, सर्दी-जुकाम और एलर्जी जैसी बीमारियों के घेरे जाने की चिंता सता रही है।इससे इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस लापरवाही से वार्डवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
नगर पंचायत प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठने लगे सवाल
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बजाय मानो एक तरफ से खुली छूट दी जा रही है ऐसा कहना गलत नहीं होगा क्योंकि जिस सडक़ को अब तक तोड़ दिया जाना था उसे थोड़ा नहीं गया है। इसी का लाभ उठाकर कार्य के भुगतान की मांग तक कि जा रही है। ऐसे में अपने ही आदेश के परिपालन में नगर पंचायत के अधिकारी उदासीनता भारत रहे हैं जिससे उनके कार्यपाली पर सीधा सवाल उठने लगा है।