खरसिया। नगर में लगे दशहरा मेला मीना बाजार में यदि घूमने जा रहे हैं तो अपनी सुरक्षा का खुद इंतजाम रखें, क्योंकि मेले में फायर सेफ्टी से लेकर यदि कोई झूलते वक्त चोटिल होता है, तो तत्काल राहत देने के लिए फर्स्टएड तक का इंतजाम नहीं है। वहीं इमरजेंसी के लिए एक भी अतिरिक्त रास्ता नहीं बनाया गया है, ताकि आपातकालीन सुविधा मिल सके टाउन हॉल मैदान का जो छोटा गेट है उसे भी बंद कर दिया गया है। मेला बिना किसी सुरक्षा मापदंडों की जांच के लगाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।
यहां इमरजेंसी इवैक्यूएशन प्लान को दरकिनार करने जैसी बातें सामने आ रही हैं, जो आपातकालीन परिस्थिति में सभी को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने के लिए जरूरी है। इसके अलावा शासन के निर्देश के विपरीत 45 डेसिबेल ध्वनि से अधिक के लाऊडस्पीकरों का खुले आम उपयोग कोलाहल नियंत्रण कानून का उल्लंघन है। मनोरंजन, व्यापार, स्वास्थ्य, पेट्रोल पंप, खाने-नास्ते के होटल, टॉकीज जैसी सरकारी और निजी संस्था में आम जनता के लिए पीने के पानी और निस्तार के लिए बाथरुम और टॉयलेट की व्यवस्था होती है।
वर्तमान में संचालित मीना बाजार में ना तो नि:शुल्क पानी की सुविधा है और ना ही टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। मेला स्थल पर गंदगी से उडक़र मक्खी, मच्छर भी मेले में खुले में बिक रही खाद्य सामग्रियों को दूषित कर रहे हैं।
जनस्वास्थ्य के साथ हो रहे खुलेआम इस खिलवाड़ को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई प्रयास या पहल नहीं किया जा रहा है। खाद्य सामग्री बनाने के लिए कामर्शियल की जगह घरेलू सिलिंडर का उपयोग नियमों को ताक में रख कर किया जा रहा है। मीना बाजार में ड्रैगन व जिएंट व्हील जैसे झूले भी मेले में लाए गए हैं, जिसमें 50-60 आदमी झूलते दिखते हैं। इन सभी झूलों में कोई भी सुरक्षा के उपकरण नहीं लगाए गए हैं। मीना बाजार के संचालन के लिए रात्रि 10 बजे तक का समय है परंतु देर रात तक मीना बाजार बेखौफ संचालित हो रहा है। मिलावट किस्म की बेहद घटिया स्तर की खाद सामग्री बेची जा रही है।
नहीं है पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, नहीं हो रहा नियमों का पालन
नगर प्रशासन द्वारा जितनी वर्ग फुट भूमि मीना बाजार के संचालन के लिए दी गई है उससे ज्यादा जगह पर मीना बाजार संचालित हो रहा है जिस पर न प्रशासन ना अधिकारियों का ही ध्यान जा रहा है। मीना बाजार टाउनहॉल मैदान में संचालित हो रहा है जिसमें एक बड़ा और एक छोटा दरवाजा है, इन दोनों दरवाजों को संचालक द्वारा दुकान लगाकर बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से स्टेशन चौक पुत्री शाला रोड गुरु नानक द्वार के आसपास बहुत भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति दो दो तीन तीन घण्टों के लिए निर्मित हो रही है। ट्रैफिक जाम की वजह से हमेशा वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है जो कि कभी भी किसी बड़े विवाद का कारण बन सकती है या बीमार या बुजुर्ग की जान सांसत में आ सकती है। इसके लिए प्रशासन को छोटा दरवाज़ा आम लोगों और मोटरसाइकिल के लिए खोल देना चाहिए जिससे उक्त स्थानों पर लगने वाले जाम से बहुत कुछ राहत मिल सकती है।
बिना जीएसटी हो रहा संचालित, की जा रही है लाखों के टैक्स की चोरी
दशहरा मेले पर खरसिया में लगा मीनाबाजार लगातार सुर्खियों में है बगैर सुरक्षा व्यवस्था के लगाए गए खराब झूले के कारण सैकड़ों लोगों की जान सासंत में डाली जा रही है। मीना बाजार में 100 से ज्यादा स्टाल लगे हुए हैं जिन्हें नियमत: जीएसटी नंबर लेना चाहिए था लेकिन किसी भी दुकानदार ने टेक्स पटाने का कोई प्रयास नहीं किया ऐसी सभी दुकानों पर जीएसटी द्वारा जीएसटी विभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए। मीनाबाजार के मामले में विभाग रवैया बिल्कुल अलग है बाहर से आए प्रवासी व्यक्ति के टेक्स चोरी करने के बाद भी विभाग की दयानत दारी ने जी एस टी अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं यदि जी एस टी विभाग ईमानदारी से कार्यवाही करे तो मीना बाजार में लाखों करोड़ों की टेक्स चोरी पकड़ी जा सकती है। इसमें संदेह है कि जीएसटी विभाग को इस मीना बाज़ार की जानकारी ना हो। अगर जानकारी होने के बाद भी जीएसटी विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है तो शासन को भारी राजस्व के नुकसान होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। क्या वे यह जानते हैं कि सैकड़ों दुकानों के अलावा झूलो में 60 रुपए प्रति व्यक्ति चार्ज लिया जा रहा है। देखा जाए तो मीना बाजार के मामले में जिला प्रशासन से लेकर नगर पालिका और जी एस टी विभाग का रवैया पूरी तरह सन्देह के घेरे में है। प्रतिदिन 30 से 40 हजार भक्त खरसिया में देवी दर्शन करने आते है 5 हजार लोग भी अगर मीना बाजार में झूला झूलते या कुछ सामान खरीदते है तो कमसे कम 10 लाख रुपये रोज की आमदनी होनी चाहिए।
खरसिया का मीना बाजार फन और मस्ती का बाज़ार या खतरों का बाजार



