ट्रेनों की बिगडी चाल से दिनभर हलाकान रहे यात्री
चक्रधरपुर डिविजन के सिनी स्टेशन में किया प्रदर्शन
पूरे दिन अलग-अलग स्टेशनों पर खड़ी रही ट्रेने
स्थिति सामान्य नहीं होने से अलग-रुट से किया गया रवाना
रायगढ़। ओडिशा में चल रहे रेल रोको आंदोलन के चलते रायगढ़ से होकर चलने वाली करीब आधा दर्जन ट्रेनों को अलग-अलग पूरे दिन अलग-अलग स्टेशनों में खड़ा किया गया था, लेकिन शाम तक स्थिति समान्य नहीं होने से इनको अलग-अलग रुट से रवाना किया गया, इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के चक्रधरपुर डिविजन के सिनी स्टेशन में शनिवार को सुबह से ही कुर्मी समाज के लोग एसटीएससी में शामिल करने की मांग को लेकर रेलपांत पर बैठकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान आंदोलन में सैकड़ों की संख्या में लोग अलग-अलग पार्टी के साथ शामिल हुए थे, इससे रेल मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया। वहीं हावड़ा से आने वाली कुछ ट्रेने आंदोलन से पहले उक्त स्टेशन से आगे बढ़ गई थी वह तो अपने गंतब्य के लिए रवाना हो गई, लेकिन जो ट्रेने लेट थी उसको अलग-अलग रुट से चलाया गया, साथ ही इस आंदोलन से हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस जो रायगढ़ में सुबह करीब 9 बजे आती है, वह रुट जाम होने के कारण दोपहर करीब दो बजे रायगढ़ पहुंची, जिससे रायपुर व बिलासपुर जाने वाले यात्री उक्त ट्रेन में जैसे-तैसे कर अपने गंतब्य के लिए रवाना हुए। वहीं शनिवार को सुबह से ही दर्जनों की संख्या में लोग पूरी-ऋषिकेश उत्कल एक्सप्रेस में सफर करने के लिए पहुंचे थे, जो दोपहर दो बजे तक पूछताछ काउंटर पर उक्त ट्रेने की जानकारी लेते रहे, इस दौरान यह कहा जा रहा था, कि अगर आंदोलन खत्म होता है तो उक्त ट्रेन रायगढ़ आएगी, लेकिन दोपहर दो बजे सूचना मिली कि अब पूरी-ऋषिकेश उत्कल एक्सप्रेस रायगढ़ नहीं आएगी और यह ट्रेन संबलपुर से अलग रुट से अपनें गंतब्य के लिए रवाना होगी। इससे उत्कल एक्सप्रेस के यात्रियों घंटों इंतजार के बाद वापस लौटना पड़ा।
अलग-अलग स्टेशन में खड़ी रही ट्रेने
उल्लेखनीय है कि चक्रधरपुर डिविजन के सिनी स्टेशन में सुबह 9 बजे से ही कुर्मी समाज द्वारा आंदोलन शुरू कर दिया गया था, इससे अप व डाउन दोनों तरफ से चलने वाली ट्रेनेां को अलग-अलग स्टेशनों में रोकना पड़ा, इस दौरान कुर्ला से चलकर गया तक जाने वाली ट्रेन को दोपहर करीब एक बजे से ही रायगढ़ स्टेशन में खड़ा किया गया था, जो शाम करीब पांच बजे यहां से रवाना किया गया। वहीं दुर्ग-आरा साउथ बिहार एक्सप्रेस को सुबह करीब 11.30 बजे से ही खरसिया स्टेशन में खड़ा किया गया था, वहीं इतवारी-टाटा एक्सप्रेस को सक्ती में खड़ा किया गया था, साथ ही ऋषिकेश-पुरी उत्कल एक्सप्रेस बिलासपुर की तरफ खड़ी रही।
पूरे दिन यात्री हुए परेशान
उल्लेखनीय है कि इस आंदोलन से ट्रेन में सवार यात्री तो परेशान हुए ही साथ ही रायगढ़ स्टेशन में ट्रेन के इंतजार बैठे यात्रियों को पूरे दिन परेशान होना पड़ा, वहीं कई यात्री जो पहले से टिकट बुक कराए थे, वे टिकट को वापस करते नजर आए, इस दौरान सबसे ज्यादा महिला-बुजुर्ग व बच्चों को परेशान होना पड़ा।
बना गया था हेल्फ डेस्क
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे विभाग द्वारा स्टेशन में हेल्फ डेस्क लगाया गया था, ताकि सफर करने वाले यात्री टे्रेनों की स्थिति जान सके। ऐसे में पूरे दिन यात्री कभी हेल्फ डेस्क तो कभी पूछताछ काउंटर पर ट्रेनों की जानकारी लेते रहे। ऐसे में शहर के आसपास के यात्री तो दोपहर बाद टिकट वापस कर घर लौट गए, लेकिन दूर-दराज के यात्री पूरे दिन परेशान हुए।
साउथ बिहार रायगढ़ से हुई वापस
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शाम करीब 5 बजे तक आंदोलन खत्म नहीं होने कुर्ला-गया एक्सप्रेस को संबंलपुर से अलग रुट से रवाना किया गया, तो वहीं दुर्ग-आरा साउथ बिहार एक्सप्रेस को शाम करीब 6 बजे रायगढ़ तक लाया गया और यहां से वापस बिलासपुर भेजा गया, जहां से अलग-अलग रुट से उसके गंतब्य के लिए रवाना किया गया। इसके साथ ही इतवारी-टाटा एक्सप्रेस को भी झारसुगुड़ा से अलग रुट से रवाना किया गया।