रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने शुक्रवार को सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, नक्सलवाद और एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस की आगामी वोट छोड़ गद्दी छोड़ पदयात्रा की घोषणा की। बैज ने कहा कि 16 सितंबर को रायगढ़ से, 17 सितंबर को कोरबा-मुंगेली और 18 सितंबर बेमेतरा-कवर्धा-दुर्ग में ‘वोट छोड़ गद्दी छोड़’ रैली निकाली जाएगी।
पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि ट्राइबल विभाग से हॉस्टल के लिए खरीदी मशीन को लेकर एक और बड़ा घोटाला समाने आया है। बैज ने कहा 50-60 हजार की मशीन को 7.95 लाख में खरीदा गया है। इसी तरह पूर्व में भी ट्राइबल विभाग में तय कीमत से ज्यादा महंगे दाम पर सामानों की खरीदी की गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कहा कि सरकार ने करोड़ों रुएय खर्च कर बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट का आयोजन किया। सरकार का दावा है कि 967 करोड़ रुपए का निवेश आया है। सरकार बताए कि इस प्रस्ताव में कितनी कंपनियों के साथ एमओयू किया गया? इन कंपनियों की ओर से कितने दिनों में निवेश प्रक्रिया पूरा कर लिया जाएगा? निवेश के लिए एमओयू करने वाली कंपनियों का प्रोफाइल भी सरकार सार्वजनिक करे। बैज ने कहा कि सरकार ने एक दर्जन से अधिक शेल कंपनियों से एमओयू करने की तैयारी है। यह शासकीय जमीन हड़पने का षडय़ंत्र भी हो सकता है। इन्वेस्टर कनेक्ट में एनएमडीसी और भारत सरकार की रेल और सडक़ परियोजनाओं को छोड़ दिया जाए तो कोई भी ठोस प्रस्ताव नहीं है। एनएमडीसी और भारत सरकार के रेल और सडक़ परियोजनाएं तो पहले से प्रस्तावित है। इनमें इन्वेस्टर कनेक्ट की क्या उपलब्धि है?
पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि नक्सल गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, शिक्षा दूतों की हत्या चिंता का विषय है। वही गरियाबंद में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता पर बैज ने जवानों को बधाई दी है। वहीं मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म में सरकार के दावे को लेकर कहा कि मार्च के बाद ही कुछ कहूंगा। गृहमंत्री विजय शर्मा के बयान पर कहा कि स्ढ्ढक्र की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, बिहार में जिंदा लोगों को मृत दिखाया गया। नाम काटने की गड़बड़ी पर उन्होंने जांच की मांग की है।
दीपक बैज ने कहा कि केंद्रीय उर्वरक मंत्री नड्डा से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि सितंबर महीने में 50 हजार मीट्रिक टन यूरिया केन्द्र की ओर से भेजा जाएगा। सरकार ने कहा था सितंबर के पहले और दूसरे सप्ताह तक 30 हजार मीट्रिक टन यूरिया सोसायटियों में पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 सितंबर हो गया है अभी तक यह यूरिया न सोसायटियों में पहुंचा है और न ही किसानों तक पहुंचा है। सरकार का दावा यहां भी झूठा साबित हुआ। आज भी किसान यूरिया के लिए परेशान है, ब्लैक में यूरिया खरीद रहे है।
वोट चोरी के मुद्दे पर 16-17 व 18 को कांग्रेस करेगा आंदोलन



