रायगढ़। ऐतिहासिक चक्रधर समारोह का अंतिम दिन था। जिसमें प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर और उनकी बैंड पार्टी कैलासा ने द्वारा अपना परफॉर्मेंस दिया गया, समापन समारोह में सूबे के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद शमिल हुए थे, लेकिन चक्रधर समारोह के समापन के दुसरे दिन जब टेंट उखाडऩे लगे तब जमीन पर कचरे की तरह पड़ी एक ऐसी चीज देखी जिसे देखकर चैकना जायज था।
वह कोई छोटी-मोटी चीज नहीं बल्कि चक्रधर समारोह का प्रशस्ति पत्र था जो पद्मश्री कैलाश खेर के नाम से था, इसके साथ ही और भी प्रशस्ति पत्र के जमीन पर पड़े हुए थे,जो शायद इनके टीम मेंबर के होंगे। हालांकि जिस चक्रधर समारोह की ख्याति के लिए जिला प्रशासन में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिस राजा चक्रधर सिंह की तारीफ में अतिथि चाहे कोई भी हो सीएम हो.. राज्यपाल या कोई मंत्री3 सबने इन 10 दिनों में उनके तारीफ के पुल बांधते आए हैं और कार्यक्रम खत्म होते ही उनकी तस्वीर लगी प्रशस्ति पत्र जमीन पर.. एक कचरे की तरह..?
वह भी जिसमें पद्मश्री कलाकार का नाम अंकित हो..? उन्हें जमीन में फेंकने के बजाय ससम्मान रखा भी जा सकता था ..? पता नहीं कि मदहोशी में और किसने यह काम किया..? क्योंकि यह प्रशस्ति पत्र किसी आम आदमी के पास मिले, यह मुमकिन नहीं है। यह किसी न किसी जिम्मेदार आदमी की ही मानसिकता का परिणाम दिखता है..? दूसरी बात अगर प्रशस्ति पत्र कैलाश खेर उनकी टीम को दिया गया था तो किसने और क्यों फेंका..? यह भी जांच का विषय है..? हम जब इस न्यूज को कवर कर रहे थे, तब वहां उपस्थित कुछ लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी, एक सज्जन ने कहा, भाई इसको देख कर तो ऐसा लगता है जैसे की.. ठीक वैसा ही जैसे काम खत्म आदमी खत्म।
कचरे के ढेर में मिला पद्मश्री कैलाश खेर व उनकी टीम का प्रशस्ति पत्र
आखिरकार किस जिम्मेदार ने कचरा समझकर फेंका!
