सारंगढ़। जिले में वन विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। ग्रापं गोड़ा के युवक प्रकाश साहू के खेत से निकली बबूल लकड़ी को रायपुर ले जाते समय वन विभाग ने वाहन (सीजी-07 6862 माजदा) को 1 सितम्बर की शाम जप्त कर लिया। लोगों का आरोप है कि पहले तो विभागीय अधिकारियों ने चालक से सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनने पर अगले दिन देर शाम औपचारिक कार्यवाही दर्ज की गई।
प्रकाश साहू द्वारा जारी प्रमाण पत्र में स्पष्ट लिखा गया कि बबूल की लकड़ी निजी कार्य हेतु रायपुर ले जायी जा रही है और इस पर ग्रापं गोड़ा के सरपंच की सील-मुहर भी लगी थी। इस के बावजूद रेंजर आर.एस. बैगा ने वाहन को जप्त कर लिया। विदित हो कि वाहन से 6 चट्टा जलाऊ बबूल लकड़ी जब्त की गई। जबकि राज पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि बबूल लकड़ी के परिवहन के लिए किसी पास की आवश्यकता नहीं है अधिकारी यह तर्क दे रहे हैं कि अन्य जिले में परिवहन होने पर पास आवश्यक है। सवाल यह है कि 1 सितम्बर की शाम पकड़े गए वाहन की जानकारी जिला स्तर के अधिकारियों तक 2 सितम्बर की देर शाम तक क्यों नहीं पहुंचाई गई ? इससे विभागीय कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रेंजर आर.एस. बैगा ने फोन पर कहा कि वाहन चालक के पास कोई परिवहन कागज नहीं थे, मैं अभी डिवीजन ऑफिस में हूं, जाकर देखता हूं। एसडीओ अमिता गुप्ता ने मामले की अनभिज्ञता जताते हुए कहा मेरे पास अभी कोई जानकारी नहीं आई है, मामला आएगा तो नियमानुसार कार्यवाही करेंगे। जिले में वन विभाग की कार्यप्रणाली और कथित अवैध वसूली को लेकर अब जांच की मांग तेज हो गई है।
वन विभाग का अनोखा कारनामा बबूल की लकड़ी को किया जप्त
