रायगढ़। चक्रधर समारोह आयोजन के संबंध में चल रही बयान बाजी को लेकर छत्तीसगढ़ी जस गीतों के प्रसिद्ध गायक राकेश शर्मा ने कहा चक्रधर समारोह कला की अभिव्यक्ति का मंच है और इस मंच को लेकर ओछी बयान बाजी ओर राजनीति से कला की गरिमा खंडित होती है। इस मंच के जरिए बहुत से प्रतिभाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। विवादों के साय से सच्चा कलाकार सदा बचना चाहता है।सूफी गायक राकेश शर्मा ने कहा चक्रधर समारोह का दायरा बढ़ता जा रहा है और यह कलाकारों के लिए प्रसन्नता का विषय होना चाहिए। इस मंच के लिए प्रतिस्पर्धा भी कलाकारों के लिए खुशी का विषय है।
कलाकार की कला को अनमोल बताते हुए राकेश शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ी महतारी का सपूत होने के नाते हम सभी का दायित्व है कि मंच की गरिमा को हर सम्भव बनाए रखे। भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के विशेष आमंत्रित सदस्य राकेश शर्मा ने कहा ढाई दशक पहले पृथक राज्य के गठन के साथ ही भाजपा की रमन सरकार ने सत्ता संभालते ही चक्रधर समारोह के जरिए रायगढ़ के कला संस्कृति की विरासत को सहेजने का काम ईमानदारी से किया। स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर के नामी कलाकारों के जरिए इस मंच को हर वर्ष नया रूप देने का प्रयास किया जाता रहा । रमन सरकार के 15 वर्षीय कार्यकाल में चक्रधर समारोह के मंच की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी । मोदी सरकार ने छग के कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार देकर प्रदेश की लोक संस्कृति को सहेजने का शाश्वत प्रयास किया। मन की बात के 115 वे एपिसोड में प्रधान मंत्री मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ के नारायणपुर के श्री बुटलुराम माथरा का जिक्र किए जाने से प्रदेश की लोक कला को बचाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए वर्षों से की जा रही उनकी मेहनत राष्ट्रीय मंच पर अचानक से चमक उठी। प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने नवा रायपुर के माना तुता में 70 एकड़ के विशाल क्षेत्र में चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनाए जाने की घोषणा कर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को विश्व मंच पर पहचान दिलाने का अनूठा प्रयास किया। विष्णु साय सरकार के इस अभिनव प्रयास से ना केवल स्थानीय कलाकारों प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि छत्तीसगढ़ी कलाकारों को फिल्म निर्माण का सुअवसर मिलेगा। भाजपा ने दो वर्षों में ही छत्तीसगढ़ी लोक कला को सहेजने का वंदनीय एवं साहसिक प्रयास किया वह सराहनीय है। भूपेश सरकार ने कोरोना महामारी की आड़ में पांच सालो में केवल दो साल ही समारोह का आयोजन कर वर्षों से जारी इस परम्परा को तोड़े जाने का कुत्सित प्रयास किया। भूपेश सरकार के पांच सालो में चक्रधर समारोह में स्थानीय कलाकारों से जुड़े कुल 31 कार्यकम कराए गए वही भाजपा सरकार के दो सालों में 26 कार्यकम कराए गए । भूपेश सरकार के पांच सालो में प्रदेश के अन्य स्थानों से जुड़े कलाकारों से कुल 34 कार्यकम कराए गए जबकि भाजपा सरकार में दो सालों में ही दुगुने 66 कार्यक्रम आयोजित करवा कर छत्तीसगढ़ के कलाकारों को ना केवल महत्व दिया गया बल्कि इस मंच में उन्हें प्राथमिकता दी गई। पांच सालो के दौरान अन्य राज्य से जुड़े कलाकारों के 21 कार्यकम आयोजित किए गए जबकि भाजपा सरकार ने दो वर्षों में ही राष्ट्रीय स्तर से जुड़े कलाकारों के 58 आयोजन कर कीर्तिमान स्थापित कर दिया । पांच सालों में भूपेश सरकार ने स्थानीय प्रादेशिक राष्ट्रीय कलाकारों से जुड़े 86 आयोजन कराए जबकि भाजपा सरकार ने दो वर्षों में ही 140 कार्यक्रम आयोजित करवा कर नया कृतिमान स्थापित किया। भाजपा कलाकारों एवं उनसे जुड़ी कला का पूरा सम्मान करती है । भूपेश सरकार द्वारा स्थानीय कलाकारों को महत्व नहीं दिए जाने पर भाजपा ने कभी चक्रधर समारोह की गरिमा को खंडित करने का प्रयास नहीं किया। कलाकार की कला को स्थानीय बाहरी की सीमा में नहीं बांधा जाना चाहिए यह कला का अपमान है। कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि स्थानीय स्तर पर कलाकारों को स्थान नहीं देने के बाद भी वह किस मुंह से उपेक्षा का आरोप लगा रही है।चक्रधर समारोह आयोजन के दौरान छत्तीसगढ़ के कलाकारों के साथ पक्षपात एवं राजनीतीकरण के आरोप को झूठा एवं मिथ्या बताते हुए फेम एक्स राकेश शर्मा ने कहा विष्णु देव साय सरकार छत्तीसगढ़ के कलाकारों को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
चक्रधर समारोह की गरिमा का भाजपा ने किया सम्मान – राकेश शर्मा
कांग्रेस की ओछी राजनीति को राकेश ने बताया कला का अपमान, भाजपा ने चक्रधर समारोह के मंच में छत्तीसगढ़ के कलाकारों को दिया महत्व
