रायगढ़। साफ-सफाई से आम जन जीवन प्रभावित होता है। अपने इर्द गिर्द साफ सफाई रखना सभी का दायित्व है इस दायित्व को निभाने का आह्वान करते हुए नगर निगम के सभा कक्ष में महापौर जीवर्धन चौहान ने आज स्वास्थ्य एवं सफाई विभाग से जुड़े सभी लोगो की अहम समीक्षा बैठक ली। बैठक में सुग्घर रायगढ़ की कल्पना को साकार करने के साथ साथ शहर को डेंगू मुक्त बनाए रखने में सफाई अभियान में जी जान से जुटे सफाई कर्मियों के समर्पण सराहना करते हुए महापौर ने कहा कि स्वच्छता शहर वासियों का सबसे बेहतर परिचय है । अधिकारियों और कर्मचारियों से नियमित सफाई व्यवस्था को अधिक सुदृढ बनाए जाने की दिशा में पहल करने की आवश्यकता जताई। महापौर चौहान ने सफाई के संबंध में स्पष्ट करते हुए कहा वार्डो के सफाई दरोगा सहित सुपरवाइजरो को अपने-अपने वार्डों में आवश्यक रूप से मौजूद रहना चाहिए। टीम भावना से कार्य किए जाने से सफाई में लगे कर्मियों का हौसला भी बढ़ता है। वार्डों में नियमित सफाई, सहित नालियों की सफाई, कचरा उठाव एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिससे आम नागरिकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।साथ ही नागरिकों को स्वच्छ वातावरण मिल सके। नियमति साफ सफाई एवं दवाओं के छिडक़ाव से मच्छर जनित बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सकता है। रोज सुबह वार्डों में जनता के मध्य पहुंचकर साफ सफाई की स्थिति का जायजा लेने का उद्देश्य बताते हुए कहा इस वजह से साफ सफाई में जुटे कर्मियों का हौसला वर्धन होता है साथ ही ऐसे सफाई कर्मी चिन्हित हो जाते है जिनके अनुपस्थित रहने से साफ सफाई का कार्य प्रभावित होता है। जीवर्धन चौहान ने यह स्पष्ट करते हुए कहा साफ सफाई में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। आगामी वर्ष में स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में रायगढ़ को बेहतर स्थान दिलाना निगम का लक्ष्य है इस हेतु सभी का सहयोग चाहिए। प्रत्येक कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी और लगन से दायित्वों का निर्वहन करेगा तो यह विश्वास है रायगढ़ को प्रदेश में स्वच्छ और सुघर शहर के रूप में पहचान स्थापित हो सकेगी।साफ-सफाई, एवं स्वच्छता को जीवन से जुड़ा महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए महापौर ने कहा स्वच्छता न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि मनुष्य जीवन के मानसिक और सामाजिक कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्वच्छता से जुड़े लाभ बताते हुए कहा साफ-सफाई बीमारियों को दूर रखने में मदद करती है। जब हम अपने आसपास और अपने शरीर को साफ रखते हैं, तो हम हानिकारक कीटाणुओं और बैक्टीरिया के संपर्क में कम आते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा कम होता है। साफ-सुथरा वातावरण हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। जब हम एक साफ-सुथरे घर या कार्यस्थल में होते हैं, तो हम अधिक आराम और शांति महसूस करते हैं।
स्वच्छता हमारे सामाजिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब हम सार्वजनिक स्थानों को साफ रखते हैं, तो हम दूसरों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करते हैं और समुदाय की भलाई में योगदान करते हैं। साफ-सुथरा रहना और आसपास की सफाई का ध्यान रखना यह किया आत्म-सम्मान को बढ़ाती है। जब हम अपने आप को और अपने आसपास के वातावरण को साफ रखते हैं, तो हम बेहतर महसूस करते हैं और अधिक आत्मविश्वास महसूस करते हैं। अपने घर, कार्यालय और सार्वजनिक स्थानों को नियमित रूप से साफ करने का आह्वान भी किया। सार्वजनिक स्थानों को साफ रखने में मदद करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। स्वच्छता को आदत बनाने की अपील करते हुए महापौर जीवर्धन चौहान ने कहा यह आदत हमें स्वस्थ, खुश और सफल जीवन जीने में मदद करती है। यह न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन के लिए, बल्कि हमारे समुदाय और पर्यावरण के लिए भी आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान नामक शुरू की गई पहल का उद्देश्य पूरे देश को स्वच्छ बनाना है। यह अभियान लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने और उन्हें अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ रखने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
सफाई का जायजा लेने सायकल पर सवार शहर सरकार
तस्वीर को जरा गौर से देखिए…भगवा गमछा पहले सायकल में सवार यह सामान्य दिखने वाला व्यक्ति जीवर्धन चौहान है जिसे शहरवासियों ने महापौर के लिए अपना वोट देकर ऐतिहासिक मतों से जिताया..निगम बनने के बाद पहले महापौर कांग्रेस से जेठू राम बने इसके बाद भाजपा से महेंद्र चौहथा बने..इसके बाद शहरवासियों ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मधु बाई किन्नर को महापौर बनाया। भूपेश सरकार ने महापौर पद के लिए सीधे चुनाव नहीं हुआ पार्षद दल के नेता के रूप में जानकी काटजू को महापौर बनाया गया। इस बार भाजपा से महापौर जीवर्धन चौहान बने। विधायक ओपी चौधरी ने भाजपा का प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे बड़ी वजह बताते हुए कहा दो दशकों के कार्यकाल में जीवर्धन भाजपा संगठन के विभिन्न पदों पर रहे लेकिन अपना दो मंजिला पक्का मकान नहीं बना पाए…चाय बेचना जीवर्धन की दिनचर्या में शामिल रहा…जीवर्धन की सादगी ईमानदारी सुचिता टिकट मिलने का बड़ा आधार रही…टिकट मिलने और जीत के बाद अक्सर नेताओं में एक बड़ा बदलाव देखने मिलता है ..पद के साथ साथ अहंकार का आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है लेकिन जीवर्धन चौहान अहंकार से अछूते रहे..हर सुबह सायकल में वार्ड वार्ड घूमकर सफाई व्यवस्था को देखने से सफाई करने वालों के अंदर उत्साह रहता है और नियमित साफ सफाई होती है…समय से नालों।को सफाई इसलिए भी आवश्यक है कि शहर वासियों को डेंगू के डंक से बचाया जा सके…राजनीति में नेताओं का आचरण उनका व्यव्हार मातहतों के लिए एक संदेश की तरह होता है।.. सायकल में सवार महापौर शहरवासियों ने पहली बार देखा…यह नजारा शहरवासियों की आंखों को लिए सुकून की तरह है कि एक व्यक्ति जमीन में उतर कर साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं का जमीनी मुआयना कर रहा ताकि समय रहते सुधार किया जा सके