रायगढ़। केबल विवाद के एक बहुचर्चित मामले में निर्णय देते हुए उच्च न्यायालय ने ग्रैंड विजन न्यूज के संचालक राजेश शुक्ला के खिलाफ प्रकरण को रद्द कर दिया है। पुलिस में दर्ज कराई गई प्राथमिकी को माननीय न्यायालय ने ना केवल गलत ठहराया है वरन इसे कानून का दुरुपयोग भी बताया है। कोर्ट ने शुक्ला को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता द्वारा दिये गए तर्कों व प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष माना।
गौरतलब है कि राजेश शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का झूठा फौजदारी का मामला दर्ज करा दिया था जिसके खिलाफ शुक्ला ने उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आवेदक एक स्थानीय केबल ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था और उसने केवल कमीशन के आधार पर प्रसारण का अधिकार लिया था। वह कोई कर्मचारी नहीं था। उसके कार्यालय द्वारा बिलों के आधार पर शुल्क का नियमित भुगतान कर रहा था। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आवेदक ने भादंवि की धारा 406, 408 व 420 के तहत कोई अपराध नही किया है। वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। सबूत के तौर पर आवेदक द्वारा सभी शुल्कों के भुगतान का ब्यौरा भी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
केबल विवाद में राजेश शुक्ला को मिली हाईकोर्ट से राहत
