रायगढ़। मांड नदी के पानी से जिले के किसानों का करीब 5 एकड़ फसल नुकसान हो गया। यहां स्टापडेम पर रिटर्निंग वॉल नहीं होने से यह स्थिति निर्मित हुई। जिसके बाद ग्रामीणों ने एसडीएम को आवेदन सौंपकर मुआवजा की मांग की है।
सोमवार को जनदर्शन में खरसिया ब्लॉक के ग्राम साल्हेपाली से काफी संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने बताया कि मांड नदी में बने एनीकट का पानी किसानों के खेतों में घुस रहा है। जिस कारण बुआई हुए धान की फसल खराब हो चुकी है। वहीं पानी के कारण काफी मात्रा में मिट्टी का कटाव भी हो चुका है। ऐसे में नुकसान हुए फसल की मुआवजा देने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां की आबादी करीब 600 के आसपास है। ग्रामीण खेती-किसानी से अपने परिवार का पालन पोषण करते आ रहे हैं।
इन किसानों का फसल नुकसान
साल्हेपाली गांव के करीब मांड नदी में बने एनीकेट की वजह से करीब 15 किसानों का फसल नुकसान हुआ है। जिसमें टीकाराम पटेल, भवानी शंकर गौतम, केशव प्रसाद पटेल, डिलेश्वर पटेल, हरिराम पटेल, गणेश चरण पटेल, सुखलाल पटेल, लोकनाथ पटेल, शांतिनिकेतन, भुनेश्वर पटेल, लीलागर पटेल, चंद्रशेखर पटेल, रजनी पटेल, सहनुराम पटेल के अलावा अन्य किसान शामिल हैं।
इस कारण आयी समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि, मांड नदी में बने एनीकेट में रिटर्निंग वॉल बनना था, जो कि अभी तक नहीं बन सकी है। इस वजह से तेज बहाव जब आता है, तो नदी का पानी गांव के किसानों के खेतों में घुस जाता है।बुआई किया गया था, लेकिन नदी के पानी से फसल नुकसान हो गया। साथ ही मिट्टी का काफी कटाव हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि, मामले में आवेदन देने के बाद एसडीएम समेत अधिकारियों की टीम साल्हेपाली गांव पहुंची थी। जहां उन्होंने मौके का निरीक्षण किया और प्रभावित किसानों को जांच के बाद उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
मांड नदी के पानी से फसलें बर्बाद
रिटर्निंग वॉल न बनने से घुसा पानी, ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग
