रायगढ़। खरसिया जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत नावापारा (पूर्व) में 15 साल से डटे पंचायत सचिव मनोज कुमार डनसेना के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फट पड़ा है। गुस्साए ग्रामीणों ने जिला पंचायत रायगढ़ के सीईओ को ज्ञापन ठोककर सचिव को फौरन हटाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि ये सचिव भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है और गांव का बंटाधार कर रहा है।
आज गांव में लंबे अरसे बाद एक शिविर कैंप लगा, जिसे ग्रामीण सचिव को बचाने की चाल बता रहे हैं। अतिरिक्त सीईओ, जो शिविर में पहुंचे, ने जनपद सीईओ के आदेश का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, ष्मुझे सिर्फ कैंप लगाने को कहा गया, सचिव को हटाना मेरे बस की बात नहीं। ग्रामीणों ने पूछा कि आखिरी कैंप कब लगा था, तो अधिकारी ने टालमटोल कर दी।
ग्रामीणों का इल्जाम है कि मनोज डनसेना पंचायत में टस से मस नहीं होता, काम के लिए किरीतमाल बुलाता है और शासकीय योजनाओं का लाभ देने के लिए जेब गरम करने की डिमांड करता है। जो पैसे नहीं देता, उसे बार-बार चक्कर कटवाता है। गांव में बोरिंग का जलस्तर गिरने से पानी का हाहाकार मचा है, लेकिन सचिव ष्समय नहींष् का राग अलापकर टरका देता है।
गांव वाले अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उन्होंने चेताया कि अगर सचिव को जल्दी नहीं हटाया गया, तो पूरा गांव जनपद सीईओ के दफ्तर के बाहर धरना देगा। ग्रामीणों का कहना है, ‘15 साल से ये सचिव कुंडली मारकर बैठा है, अब बस बहुत हुआ!’ जिला पंचायत प्रशासन की चुप्पी से ग्रामीणों का गुस्सा और भडक़ रहा है।
नावापारा-पूर्व में भ्रष्ट सचिव के खिलाफ ग्रामीणों का हल्ला-बोल, धरने की चेतावनी
