सरिया। आखिर कब तक एक मासूम का भविष्य अफसरशाही और राजनीतिक हिटलरशाही की भेंट चढ़ता रहेगा? वार्ड क्रमांक 15 अंबेडकर नगर, सरिया निवासी तरुण नारंग की छोटी बहन उमा नारंग जो हाल ही में पाँचवीं कक्षा उत्तीर्ण कर छठवीं में दाखिला लेना चाहती है लेकिन जाति प्रमाण पत्र के अभाव में न तो स्कूल में दाखिला ले पा रही है और न ही छात्रावास में प्रवेश मिल रहा। नतीजा ये कि सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन उमा की पढ़ाई ठप पड़ी है।
आय ,जाति ,निवास एवं अन्य जरूरी दस्तावेजों को बनाने के लिए ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध है तथा सरकार का दावा है कि घर पहुंच सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है। तरुण नारंग ने अपनी बहन के दाखिले के लिए ग्राम छिंद स्थित स्कूल में आवेदन किया, जहाँ जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य है। जब वे नगर पंचायत कार्यालय सरिया पहुंचे तो अध्यक्ष ने प्रमाण पत्र पर दस्तखत से पहले घर के 2400 बकाया टैक्स जमा करने की शर्त थोप दी।
तरुण ने विनम्रता से आर्थिक तंगी और सत्र के शुरुआती खर्चों का हवाला देते हुए तत्काल सहयोग की गुहार लगाई, लेकिन अध्यक्ष ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि ‘जहां जाना है चले जाओ, जब तक टैक्स नहीं भरोगे, जाति प्रमाण पत्र नहीं बनेगा।’ इस पूरे संवाद का वीडियो साक्ष्य मौजूद है, जिसे तरुण ने पहले से ही नगर पंचायत की कार्यशैली को लेकर आशंकित होकर रिकॉर्ड किया। उनका यह भी आरोप है कि सरिया नगर पंचायत में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और राजनीतिक प्रभाव का बोलबाला है, और आम जनता के साथ मनमानी व असंवेदनशील व्यवहार आम बात हो गई है।
अब सवाल यह है कि क्या किसी छात्रा का भविष्य 2400 की बकाया राशि से बड़ा नहीं? क्या प्रमाण पत्र जैसी मूलभूत प्रक्रिया को अफसरशाही के शिकंजे में कस देना संविधान के उस मूल उद्देश्य के खिलाफ नहीं जो शिक्षा को हर बच्चे का अधिकार मानता है? बड़ा सवाल ये भी है कि इस वीडियो साक्ष्य के बावजूद क्या प्रशासन अध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा या एक बार फिर फाइलों में धूल झाड़ी जाएगी?
परिजन अब मीडिया और जनप्रतिनिधियों से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन जब प्रशासन की गूंगी-बहरी दीवारें सिर्फ रसूख और रिश्वत की भाषा समझें, तो गरीबों के लिए संविधान भी एक कागज का टुकड़ा बनकर रह जाता है।
जाति प्रमाण पत्र के लिए टैक्स की आड़ में हिटलरशाही!
छात्रा उमा नारंग का भविष्य दांव पर, सरिया नगर पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
