जांजगीर-चांपा। सांस्कृतिक नगरी नैला में इस बार अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर को देखने का मौका लोगों को मिलेगा। श्री श्री दुर्गा पूजा उत्सव सेवा समिति नैला द्वारा श्री राम मंदिर की प्रतिकृति की तरह ही यहां के रेलवे स्टेशन के सामने 135 फीट ऊंचा और 100 फीट चौड़ा भव्य पंडाल का निर्माण करवाया जा रहा है, जो अयोध्या के राम मंदिर की तरह होगा। वहीं विशाल पंडाल में रत्नजडि़त स्वर्ण सिंहासन में मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा विराजित की जाएगी। माता की प्रतिमा के साथ ही भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की 15-15 फीट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सभी प्रतिमाओं के ऊपर चांदी के छत्र लगाए जाएंगे।
श्री श्री दुर्गा पूजा उत्सव सेवा समिति नैला का दुर्गोत्सव इस वर्ष भी जिला और प्रदेश ही नहीं बल्कि, देशभर में प्रसिद्ध होगा। इसे लेकर पिछले एक माह से तैयारियां शुरू हो गई हैं। आयोजन समिति के राजेश पालीवाल ने बताया कि यह आयोजन का 40वां वर्ष होगा। 135 फीट ऊंचा और 100 फीट चौड़ा भव्य पंडाल का निर्माण करवाया जा रहा है, जो अयोध्या के राममंदिर की तरह होगा। विशाल पंडाल में रत्नजडि़त स्वर्ण सिंहासन में मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा विराजित की जाएगी। माता की प्रतिमा के साथ ही भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की 15 -15 फीट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सभी प्रतिमाओं के ऊपर चांदी के छत्र लगाए जाएंगे। पूरे पंडाल में मुंबई की आकर्षक लाइटें रहेगी। वहीं राममंदिर की भव्यता रात में विशेष लाइट से और मनमोहक दिखेगी। बता दें कि नैला स्टेशन परिसर की मां दुर्गा की प्रतिमा और पंडाल की भव्यता हर साल श्रद्धालुओं के लिए खास रहता है। चाहे हीरे-मोती और नवरत्नों से जडि़त प्रतिमा हो या 50, 200, 500 एवं 2000 रुपए के नए नोटों से सुसज्जित मां दुर्गा की प्रतिमा। पिछले साल भी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर यहां निर्मित भव्य पंडाल आकर्षण का केंद्र बना हुआ था तो इसके पूर्व बाहूबली फिल्म की माहिष्मति महल की आकृति का पंडाल बनाया गया था।
भटगांव के कारीगर दे रहे मूर्तियोंं को आकार
आयोजन समिति द्वारा कोलकाता के बजाए इस वर्ष भी भटगांव के कारीगरों से प्रतिमा तैयार कराई जा रही है। मां दुर्गा समेत भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की मूर्तियां मिट्टी से तैयार की जा रही है। नैला में कारीगर मूर्तियां बनाने में जुट गए हैं। मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के साथ ही अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा का निर्माण शुरु हो गया है।
दुर्गा उत्सव को लेकर नैला की खास पहचान
दुर्गोत्सव को लेकर सांस्कृतिक नगरी नैला की देशभर में खास पहचान बन चुकी है। यहां का दुर्गोत्सव छत्तीसगढ़ ही नहीं, वरन पूरे भारत की शान है। यही वजह है कि यहां स्थापित माता की प्रतिमा का दर्शन करने कई राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचते हैं। खास बात यह है कि दुर्गोत्सव के दौरान रायगढ़-बिलासपुर मार्ग पर चलने वाली अमूमन सभी ट्रेनें श्रद्धालुओं से खचाखच भरीं होती हैं। वहीं कई लोग विभिन्न साधनों से यहां का दुर्गोत्सव देखने पहुंचते हैं। इसे देखने के लिए प्रदेश ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश, ओडिशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, झारखंड सहित अन्य कई राज्यों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।