धरमजयगढ़। यह विडंबना है कि एसईसीएल प्रबंधन अपने अधीन आने वाली सडक़ की मरम्मत तक नही करा पा रही है। जिसके चलते गड्ढों से भरी सडक़ों पर से होकर राहगीर गुजरने को मजबूर हो रहे हैं। एसईसीएल मिनी रत्न दर्जा प्राप्त भारत सरकार की एक उपक्रम है। जो देश प्रदेश में करोड़ों, अरबों रुपये की विकास कराने की गाथा गाती आ रही है। वहीं सी एस आर मद से भी क्षेत्र के विकास कराने की ढोल पीट रही है। इसके उलट कम्पनी के दावों की पोल महज चन्द किलोमीटर की बदहाल सडक़ खुलकर बयां कर रही है। मालूम हो कि रायगढ़ एरिया के उपक्षेत्र छाल अंतर्गत करीब 3 किलोमीटर की सडक़ का संधारण एसईसीएल द्वारा किया जाता है। बता दें कि नवापारा आवसीय परिवार में निवासरत एसईसीएल कर्मी के साथ क्षेत्र के उपक्षेत्र प्रबन्धक व अन्य लोगों का इस सडक़ में से आना जाना निरंतर लगा रहता है। किंतु इस सडक़ की बदहाली उप क्षेत्रीय प्रबंधक को शायद नजर नही आती है। हालात यह हैं कि गड्ढों और कीचड़ से भरी इस सडक़ पर बच्चे शिक्षा अध्ययन हेतु रोजाना आवाजाही कर रहे हैं। वहीं, इस सडक़ की मरम्मत हेतु प्रबंधक को स्कूली बच्चों के गार्जियन भी कह चुके हैं किन्तु जनसरोकार से प्रबंधन को मानो कोई मतलब नही है। इधर, जमीनी तस्वीर इस सडक़ की बदहाली चीखचीख कर बयां कर रही है। हालांकि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में समाधान को लेकर कई बार जिला प्रशासन से गुहार भी लगाई है लेकिन स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है।