रायगढ़। खरसिया से रायगढ़ को जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-49 (एनएच-49) पर स्थित कुनकुनी गांव के पास भारी जलभराव से स्थानीय नागरिकों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां डी.बी. पावर प्लांट द्वारा बनाए गए रेल ट्रैक के लिए एनएच की सतह को नीचे किया गया था, जिससे सडक़ पर एक गहरा डिप्रेशन बन गया है। अब यह स्थान हर बरसात में जलजमाव के कारण दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम का कारण बन रहा है।
बारिश होते ही यह गड्ढा तालाब में तब्दील हो जाता है। टू-व्हीलर चालकों के लिए यह हिस्सा सबसे खतरनाक साबित हो रहा है। पानी भर जाने से इंजन बंद हो जाता है, वाहन फिसलते हैं और दुर्घटनाएं होती हैं। चार पहिया वाहनों की साइलेंसर तक पानी पहुंच रहा है, जिससे ब्रेक डाउन और अन्य तकनीकी समस्याएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या लगातार दो सालों से बनी हुई है, लेकिन न तो एनएच विभाग और न ही डी.बी. पावर प्लांट इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। एनएच विभाग का कहना है कि क्षेत्र की जल निकासी की जिम्मेदारी डी.बी. पावर की है, जबकि कंपनी की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता।
इस मार्ग से रोजाना हजारों लोग, स्कूल-कॉलेज के छात्र, कार्यालयीन कर्मचारी, ग्रामीण और व्यापारी गुजरते हैं। जलभराव के कारण प्रतिदिन जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। लोगों का कहना है कि बरसात शुरू होने से पहले न तो सडक़ की मरम्मत की गई और न ही जल निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था की गई। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है। उनका सुझाव है कि यहां जल निकासी के लिए पक्की नाली का निर्माण किया जाए और एनएच की सतह को दोबारा समतल किया जाए, ताकि आगे जलभराव की स्थिति न बने। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह जलभराव भविष्य में किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है, और तब जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होगा।
एनएच-49 पर जलभराव बना सिरदर्द
कुनकुनी में दो साल से जारी है मुसीबत
